बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में अब सबकुछ ऑनलाइन, यूनिक कोड भी तय
यूनिक कोड से जाने जाएंगे कॉलेज, कोर्स व विषय। ऑनलाइन एडमिशन व रजिस्ट्रेशन में मिलेगी सहुलियत।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में विषय, कॉलेज व कोर्स के कुल 323 यूनिक कोड बनाए गए हैं। पहली बार विश्वविद्यालय में विषय व कॉलेजों के लिए कोडिंग सिस्टम लाया गया है। अब छात्रों को मिलने वाले रजिस्ट्रेशन नंबर का भी यूनिक कोड ही होगा। इससे ऑनलाइन एडमिशन व रजिस्ट्रेशन आदि में मदद मिलेगी। कुलपति प्रो. अमरेन्द्र नारायण यादव का कहना है कि विषय व कॉलेजों को कोड देने के पीछे सभी कार्य ऑनलाइन होना है। ऑनलाइन के लिए कोड करना आवश्यक होता है। इसके साथ समय की भी बचत होगी।
सभी के लिए अलग-अलग कोड
अलग-अलग विषयों के लिए अलग-अलग कोड निर्धारित हैं। स्नातक, पीजी के अलावा पीएचडी, डीलिट व डीएससी का भी कोड तय हो गया है। स्नातक, पीजी आदि के 64 विषय भी अब अलग कोड से जाने जाएंगे। पीजी विभाग के कोड को ही लें तो उसमें अरबिक को एए के नाम से जाना जाएगा। बॉटनी के लिए एबी, केमिस्ट्री के लिए एडी तो कॉमर्स के लिए एई कोड दिया हुआ है।
भौतिकी को एओ तो राजनीति शास्त्र को एपी के नाम से जाना जाएगा। छात्रों को एडमिशन से परीक्षा फॉर्म व सर्टिफिकेट तक के लिए कोड से पहचाना जा सकेगा। 22 पीजी विभाग, 39 अंगीभूत कॉलेज, 17 स्थाई संबद्ध कॉलेज, 22 तकनीकी कॉलेज व 55 बीएड कॉलेजों के लिए अलग-अलग कोड दिए गए हैं।
11 अंकों का यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर छात्र-छात्राओं को
छात्र-छात्रओं को अब 11 अंकों का यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा। पहले छह अंकों वाला रजिस्ट्रेशन नंबर मिलता रहा है। इनमें शुरू के चार अंक का नंबर होता और दो अंक वर्ष के अंतिम अंक होते हैं। अब जबकि रजिस्ट्रेशन नंबर में वर्ष का अंतिम दो अंक, कॉलेज या विभाग का दो अंक का कोड, कोर्स के मोड का दो अंक का कोड, विषय का दो अंक का कोड व कॉलेज से दिया गया तीन अंक का रोल नंबर होगा।