अस्थमा, बीपी व हृदय रोगियों की बढ़ी संख्या, दो की मौत
मौसम में बदलाव के साथ हृदय अस्थमा ब्ल्डप्रेशर एवं सांस के साथ एलर्जी के मरीजों में इजाफा होने लगा है। एसकेएमसीएच में इन बीमारियों से ग्रसित मरीज इन दिनों लगातार इलाज को पहुंच रहे हैं।
मुजफ्फरपुर। मौसम में बदलाव के साथ हृदय, अस्थमा, ब्ल्डप्रेशर एवं सांस के साथ एलर्जी के मरीजों में इजाफा होने लगा है। एसकेएमसीएच में इन बीमारियों से ग्रसित मरीज इन दिनों लगातार इलाज को पहुंच रहे हैं। शुक्रवार को हृदय रोग से ग्रसित चार मरीजों को भर्ती किया गया। वहीं सीतामढ़ी के सोनबरसा की कंचन देवी एवं शिवहर के चंदेश्वर साह की मौत हो गई।
क्या है हृदयाघात : एसकेएमसीएच के चिकित्सक डॉ. शैलेन्द्र कुमार एवं डॉ. सतीश कुमार सिंह के अनुसार ठंड के दिनों में हृदयाघात बढ़ जाता है। इसका कारण यह है कि ठंड के दिनों में रक्त संचार की नली में सिकुड़न आ जाती है। इससे दिल तक खून पहुंचाने वाली धमनियों में रुकावट आती है। इस कारण दिल में खून का संचार अवरुद्ध हो जाता है। फिर दिल की मांसपेशियों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। जल्दी खून का संचार नहीं होने पर दिल की मांसपेशियों की गति रुक जाती है और दिल के दौरे से मौत हो जाती है।
क्या हैं इसके प्रारंभिक लक्षण :
हृदयाघात के दौरान प्रारंभ में सीने में दर्द और असहजता महसूस होती है। शरीर से पसीना निकलना एवं घबराहट भी हृदयघात की ओर इशारा करता है।
यह बरतें सावधानी :
- हृदय एवं अस्थमा रोग के मरीज रात में ठंड से पूर्णत: बचाव करें। गर्म कपड़े पहने। ठंड में बाहर निकलने से परहेज करें।
- रक्तचाप एवं मधुमेह के मरीज नियमित रूप से अपनी जांच कराते हुए डॉक्टरी परामर्श के तहत दवा का सेवन जारी रखें।
- बाजारू खाद्य पदार्थ के सेवन से परहेज करें। घर का सादा व ताजा भोजन करें।
- पानी पर्याप्त मात्रा में पीते रहना जरूरी है। उल्टी-दस्त शुरू होते ही तत्काल अस्पताल पहुंच कर चिकित्सक से परामर्श लेना जरूरी है।