दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में बिना वेतन कोषांग के सत्यापन के करोड़ों का एरियर भुगतान
बता दें कि एरियर की राशि के मद में विवि को सरकार के द्वारा लगभग 25 करोड़ की राशि दी गई है। इसमें लगभग नौ करोड़ राशि बिना वेतन सत्यापन सेल (पीवीसी) से सत्यापन के बिना ही बांट दिया गया। शेष राशि विवि के पास जमा है।
दरभंगा, [प्रिंस कुमार]। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के सभी अंगीभूत कालेज, पीजी विभाग और विवि मुख्यालय के शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों को सातवें वेतन कमीशन के आलोक में संशोधित वेतन की बकाया (एरियर) की राशि भुगतान में सरकारी गाइडलाइन की अनदेखी किए जाने का मामला सामने आया है। वेतन सत्यापन सेल (पीवीसी) से सत्यापन के बिना ही शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों के बीच लगभग नौ करोड़ एरियर की राशि बांट दी गई। इस प्रक्रिया में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली(पीएफएमएस) के माध्यम से सभी कर्मचारियों के खाते में राशि ट्रांसफर करनी थी। लेकिन इस प्रक्रिया का भी ख्याल नहीं रखा गया है। बता दें कि एरियर की राशि के मद में विवि को सरकार के द्वारा लगभग 25 करोड़ की राशि दी गई है। इसमें लगभग नौ करोड़ राशि बिना वेतन सत्यापन सेल (पीवीसी) से सत्यापन के बिना ही बांट दिया गया। शेष राशि विवि के पास जमा है।
बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा महालेखाकार को सभी विवि में आडिट कराने के लिए पत्र भेजा है। अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने महालेखाकार को लिखे में कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में परफार्मेंस ऑडिट जल्द से जल्द कराएं। सूत्रों की माने तो आडिट के बाद इस पूरे प्रकरण का खुलासा हो जाएगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के वित्त परामर्शी कैलाश राम संस्कृत विवि के अधीन सभी अंगीभूत इकाई और विवि मुख्यालय के कर्मचारियों को सातवें वेतन कमीशन के आलोक में एरियर की राशि का भुगतान किया गया है। वैसे कर्मचारी जिन्होंने वेतन सत्यापन सेल (पीवीसी) से एरियर संबंधित सभी जरूरी सत्यापन नहीं करवाया, उन्हें सिर्फ 60 फीसद भुगतान किया गया है। शेष 40 फीसद राशि सत्यापन करवाने के बाद भुगतान की जाएगी। उच्च शिक्षा उप-निदेशक अजीत कुमार ने कहा कि सभी विवि को वेतन सत्यापन सेल (पीवीसी) से एरियर संबंधित कागजात सत्यापित करवाने के बाद ही भुगतान करने का आदेश है। अगर इस प्रक्रिया में कहीं गड़बड़ी हुई है, तो शिकायत मिलने पर कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा। संस्कृत विवि में अगर ऐसा हुआ है, तो शिकायत मिलने पर कार्रवाई की अनुशंसा होगी।