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वोकेशनल की मॉनीटरिंग व प्लेसमेंट की व्यवस्था बदलेगी, नए कोर्स शीघ्र Muzaffarpur News

प्रभारी कुलपति बोले वोकेशनल कोर्स को बनाऊंगा कामधेनु। 400 रुपये प्रति क्लास के लिए नहीं मिल पाते योग्य शिक्षक। वोकेशनल कोर्स करनेवाले छात्रों को जॉब की गारंटी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 20 Jun 2019 12:01 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jun 2019 04:15 PM (IST)
वोकेशनल की मॉनीटरिंग व प्लेसमेंट की व्यवस्था बदलेगी, नए कोर्स शीघ्र Muzaffarpur News
वोकेशनल की मॉनीटरिंग व प्लेसमेंट की व्यवस्था बदलेगी, नए कोर्स शीघ्र Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। यूनिवर्सिटी व कॉलेजों में संचालित वोकेशनल कोर्स से छात्र-छात्राओं को जॉब की गारंटी रहती है। बैचलर ऑफ वोकेशनल कोर्स करने के बाद कोई और कोर्स करने की जरूरत नहीं होती। पिछले कुछ सालों में वोकेशनल फील्ड को चुनने का ट्रेंड बढ़ा है। मगर, बिहार विश्वविद्यालय में हाल के दिनों में वोकेशनल कोर्स की स्थिति कुछ और हो गई है। न अच्छी पढ़ाई हो रही न नियमित कक्षाएं चल रही हैं।

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 स्थायी बहाली नहीं होने के बावजूद वोकेशनल कोर्स के एक्सपर्ट को रिसोर्स पर्सन के तौर पर बहाल किया जाता है और उन्हें अच्छी तनख्वाह नहीं दी जाती जिससे योग्य शिक्षक नहीं मिल पाते। दूसरी ओर बीआरएबीयू के प्रभारी कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा है कि वोकेशनल कोर्स को छात्रों और विवि दोनों के लिए 'कामधेनुÓ बनाने का प्रयास चल रहा है। कई नए कोर्स भी आरंभ किए जानेवाले हैं। शिक्षकों का मानदेय भुगतान भी संतोषजनक होगा।

वोकेशनल कोर्स मतलब जॉब की गारंटी

एलएस कॉलेज के कम्युनिटी कॉलेज की नोडल अफसर डॉ. प्रगति आसना कहती हैं कि वोकेशनल कोर्स में एडमिशन टेस्ट के जरिए मिलता है। यहां स्टूडेंट्स को डिग्री भी मिलती है और जब वे यहां से निकलते हैं तो बाजार भी स्किल्ड हैंड मानते हुए उनका स्वागत कर रहा होता है। एलएस कॉलेज की केमिस्ट्री हेड डॉ. शशि कुमारी सिंह कहती हैं कि दृढ संकल्प और सेल्फ एसेसमेंट के बावजूद अगर आगे की पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं और कई तरह की स्थितियां बाधा बन रहीं हैं तो वोकेशनल कोर्स आपकी मंजिल का आसान रास्ता बन सकते हैं। सामान्य कोर्स से पढ़ाई की अपेक्षा वोकेशनल कोर्स कॅरियर की उड़ान भरने में मदद कर सकते हैं।

वोकेशनल कोर्स का बंटाधार

एलएस कॉलेज, एमडीडीएम, आरडीएस कॉलेज जैसे अंगीभूत और नामचीन कॉलेजों में कई वोकेशनल कोर्स शुरू किए गए। जैसे बीबीए, बीसीए, बैचलर इन जर्नलिज्म, आइएमबी, सीएनडी, इंडस्ट्रीयल केमिस्ट्री, बॉयोटेक्नोलॉजी, आइएफएएफ आदि। इनमें से किसी भी कोर्स में परमानेंट फैकल्टी के लिए मंजूरी नहीं मिल सकी है। बरसों से यहां शिक्षक अस्थायी हैं। इस उम्मीद में कि किसी दिन परमानेंट हो जाएंगे। वोकेशनल कोर्स के टीचर को एक क्लास के लिए 400 रुपये मिलते हैं। महीने में 20 क्लास से ज्यादा नहीं पढ़ा सकते। कई शिक्षकों ने बताया कि महीने में अधिकतर 12-15 क्लास ही हो पाती है। कॉलेज में पढ़ाकर वे महीने में 10,000 से ज्यादा नहीं कमा पाते।

 बीआरएबीयू प्रभारी कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि वोकेशनल कोर्स की मॉनीटङ्क्षरग और प्लेसमेंट के लिए मैं अच्छी व्यवस्था लागू करने जा रहा हूं। कई नए कोर्स भी आरंभ किया जाना है। छात्रों का झुकाव इन कोर्सों के प्रति और बढ़े विश्वविद्यालय प्रशासन हर संभव प्रयास करेगा। शिक्षकों के पैसे बढ़ाने पर भी विचार किया जाएगा। 

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