बिहार में शिक्षा विभाग का एक और कारनामा, मृत शिक्षिका को मिली बीपीएससी परीक्षा में वीक्षण की जिम्मेदारी
सामने आया शिवहर शिक्षा विभाग का सच। पांच माह पूर्व सड़क हादसे में शिक्षिका विजेता झा की मौत हो गई थी। उन्हें श्री गुदर जगदेव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सोनौल सुल्तान स्थित परीक्षा केंद्र पर वीक्षण कार्य के लिए प्रतिनियुक्त करने का आदेश जारी किया गया।
पुरनहिया (शिवहर), जासं। शिवहर में 30 सितंबर को होने वाली बीपीएससी की संयुक्त प्रारंभिक पुनर्परीक्षा में पुरनहिया प्रख्ंड के सोनौल सुल्तान स्थित श्री गुदर जगदेव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परीक्षा केंद्र पर मृत शिक्षिका भी वीक्षण का कार्य करेगी? शिक्षा विभाग ने मृत शिक्षिका की वीक्षण कार्य के लिए प्रतिनियुक्ति करते हुए 28 सितंबर की दोपहर 12 बजे परीक्षा केंद्र पर योगदान का भी निर्देश दिया है।
कुल 44 लोगों की प्रतिनियुक्ति
शिवहर में शिक्षा विभाग का कुछ ऐसा ही अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है। विभाग ने बिहार लोक सेवा आयोग की 67 वीं प्रारंभिक परीक्षा के लिए बनाए गए दस केंद्रों पर केंद्राधीक्षक समेत वीक्षण कार्य के लिए बड़ी संख्या में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की है। इसके तहत प्रत्येक केंद्र पर 30 से लेकर 60 शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसके तहत विभाग ने पुरनहिया प्रखंड के श्री गुदर जगदेव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सोनौल सुल्तान स्थित परीक्षा केंद्र पर केंद्राधीक्षक व वीक्षण कार्य के लिए कुल 44 लोगों की प्रतिनियुक्ति की है। इसमें क्रम संख्या 29 पर पुरनहिया प्रखंड के मध्य विद्यालय बराही मोहन की पूर्व शिक्षिका विजेता झा का भी नाम है।
सड़क हादसे में मौत
विजेता झा मूल रूप से बराही मोहन गांव की रहने वाली थी। वह इसी साल 24 मई को सीतामढ़ी जिले के रीगा लचका के पास सड़क हादसे में जख्मी हो गई थी। सीतामढ़ी से चिकित्सकों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए मुजफ्फरपुर रेफर कर दिया था। मुजफ्फरपुर के निजी क्लीनिक में इलाज के दौरान 30 मई की रात उनकी मृत्यु हो गई थी। बावजूद इसके शिक्षा विभाग ने मृत शिक्षिका को वीक्षण कार्य की जिम्मेदारी सौंप दी है। विभाग की इस कारगुजारी से शिक्षक समुदाय भी हक्का-बक्का है। हालांकि, विभागीय कर्मियों ने इसे लिपिकीय भूल बताया है।