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बिना चिकित्सक व दवा के चल रहा अंगारघाट पशु अस्पताल, समस्तीपुर का मामला

Samastipur News उजियारपुर के पशु चिकित्सक को तीन अस्पताल की है जिम्मेदारी चमोकन व कीड़े की दवा देकर हो रहा इलाज का खानापूर्ति कर्मचारी चला रहे पशु अस्पताल। स्‍थानीय लोगों को यहां पशुओं का इलाज कराना मजबूरी है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 09:15 AM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 09:15 AM (IST)
बिना चिकित्सक व दवा के चल रहा अंगारघाट पशु अस्पताल, समस्तीपुर का मामला
समस्‍तीपुर के अंगारघाट का पशु चिकित्सालय । जागरण

समस्तीपुर, जासं। बिना चिकित्सक और दवा के अंगारघाट स्थित पशु अस्पताल उजियारपुर प्रखंड के पूर्वोत्तर क्षेत्र अंगार, मुरियारो, बिरनामा, सुपौल, चैता सहित करीब एक दर्जन से अधिक गांवों के पशुओं का इलाज कर रही है। अंगारघाट चौक पर पशु संसाधन विभाग द्वारा लाखों रुपये की लागत से बने दो मंजिला प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय एक कर्मचारी के भरोसे चल रहा है। पशु अस्पताल के कर्मचारी अजय कुमार कार्यालय के निर्धारित समय अनुसार अस्पताल में उपस्थित रहकर अस्पताल आने वाले पशुपालकों को सरकारी निर्धारित राशि लेकर मुख्य रुप से चमोकन और कीड़ा मारने वाली दवा देकर सरकारी इलाज की खानापूर्ति कर रहे है। कृषि कार्य पर निर्भरता वाली क्षेत्र के अधिकांश किसानों के पास गाय, भैंस उपलब्ध है।

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गरीब बस्तियों में बहुतायत से बकरी पालन होता है। अक्सर पशुओं के बीमार होने पर पशुपालकों का सहारा स्थानीय झोलाझाप डॉक्टर ही बनते हैं। पशुओं के इलाज करने के नाम पर पशुपालकों का होनेवाले आर्थिक दोहन पर न तो सरकार का ध्यान है, न ही जनप्रतिनिधि ध्यान देना चाहते है। ग्रामीण किसान व मजदूरों का आर्थिक रीढ़ माने जाने वाले पशुपालन की स्वास्थ्य संबंधी अव्यवस्था की मार झेलने पर मजबूर है।

26 में 6 तरह की दवा उपलब्ध है पशु अस्पताल में

अंगारघाट पशु अस्पताल में दवा व चिकित्सक नही होने से होनेवाली कठिनाई के संबंध में पूछेजाने पर अंगारघाट पशु अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक पदाधिकारी डा. रामनरेश रमन ने बताया कि उजियारपुर पशु अस्पताल के साथ प्रखंड के अंगारघाट तथा चांदचौर पशु अस्पताल का प्रभार होने से नियमित उपस्थित रहने में कठिनाई है। प्रभारी चिकित्सक ने अस्पताल में दवा उपलब्धता के संबंध में बताया कि करीब 5 माह से दवा की कमी बनी हुई है। पशुओं का चमोकन और कीड़े मारने वाली दवा, पेट खराबी आदि की दवा उपलब्ध हो, जो जरूरतमंद पशुपालकों को दी जा रही है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा 26 तरह की दवा पशु अस्पताल में उपलब्ध कराई जाती है, जिसमें से अभी छह तरह की दवा ही उपलब्ध है। विभाग द्वारा जल्द ही अन्य आवश्यक दवा उपलब्धता सुनिश्चित कराए जाने की बात कही गई है।


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