ये ऐसी जगह है जहां पैर रहते दिव्यांग और आंख रहते दृष्टि अक्षम हैं महिलाएं, जानिए…
सीतामढ़ी में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका की बहाली के लिए फर्जी प्रमाण पत्र का सहारा ले रहीं महिलाएं, डीएम तक पहुंची शिकायत।
सीतामढ़ी, जेएनएन। जिले में कई ऐसी महिलाएं हैं जो पैर रहते दिव्यांग, आंख रहते दृष्टि अक्षम और पति के साथ रहकर भी परित्यक्त हैं। सुनने और पढ़ने में यह अजीब जरूर लग रहा होगा, लेकिन हकीकत यही है। इस तरह की महिलाओं ने प्रमाणपत्र देकर दिव्यांगता साबित की है। उन्होंने यह प्रमाणपत्र आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका पद के लिए जमा कराए हैं। इन पदों के लिए चयनित महिलाओं की ओर से गलत प्रमाणपत्र जमा कराए जाने के बारे में जब डीएम के पास शिकायत पहुंची तो मामला प्रकाश में आया।
डीएम डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है। इस तरह की अनियमितता की जांच के लिए उन्होंने सीएस की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी आगामी 23 दिसंबर को सदर अस्पताल में कैंप का आयोजन कर अब तक सभी चयनित आंगनवाड़ी सेविका और सहायिकाओं के दिव्यांगता प्रमाणपत्र व शारीरिक दिव्यांगता की जांच करेगी।
डीएम ने स्पष्ट किया कि वैसी सेविका-सहायिका जो 23 दिसंबर को कमेटी के समक्ष उपस्थित नहीं होंगी उनका चयन स्वत: रद माना जाएगा। डीएम के इस आदेश के बाद जिले में हड़कंप मच गया है। डीएम ने वैसे अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई का आदेश दिया है जिन्होंने गलत तरीके से दिव्यांगता प्रमाण पत्र समेत अन्य प्रमाण पत्र जारी किया है।
डीएम ने बताया कि आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका के चयन में फर्जी दिव्यांगता और फर्जी पति परित्यक्ता प्रमाण पत्र से संबंधित शिकायत को देखते हुए इस जांच का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ उम्मीदवारों ने नकली परित्यक्ता प्रमाण पत्र दिया है। ऐसे फर्जी लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। वहीं फर्जी प्रमाण-पत्र जारी करने वाले भी नपेंगे।