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स्वास्थ्य गतिविधियों को छोड़ अन्य कार्य नहीं करेंगी आंगनबाड़ी सेविकाएं Muzaffarpur News

सरकार ने चुनाव और सर्वेक्षण कार्यों में आंगनबाड़ी सेविकाओं की तैनाती पर लगाई रोक। 25 दिन आंगनबाड़ी केंद्रों का खुला रहना जरूरी केंद्रों के बंद होने से प्रभावित होता है पोषाहार कार

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 08:41 AM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 08:41 AM (IST)
स्वास्थ्य गतिविधियों को छोड़ अन्य कार्य नहीं करेंगी आंगनबाड़ी सेविकाएं Muzaffarpur News
स्वास्थ्य गतिविधियों को छोड़ अन्य कार्य नहीं करेंगी आंगनबाड़ी सेविकाएं Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। आंगनबाड़ी सेविकाएं अब स्वास्थ्य गतिविधियों को छोड़ अन्य कार्यो को नहीं करेंगी। वे आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को स्कूल पूर्व शिक्षा देने के अलावा पोषण संबंधी कार्यों को निष्पादित करेंगी। केंद्र सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव रवींद्र पंवर ने इस आशय का निर्देश राज्यों के प्रधान सचिवों को जारी किया है।

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कहा है कि अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य से संबंधित गतिविधियों के अलावा कोई और कार्य नहीं सौंपा जाएगा। उनको केवल आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जा रही सेवाओं, पोषण अभियान एवं महिलाओं और किशोरियों से जुड़े कार्यों को करना है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवाएं राज्य और जिला प्रशासन चुनाव और विभिन्न सर्वेक्षण कार्यों के लिए भी लेती हैं। अन्य कार्यो में लगाने पर आंगनवाडी केंद्रों को बंद रखना पड़ता है।आंगनबाड़ी केंद्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के न रहने से किशोरियों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को दी जाने वाली सेवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ता है।

पोषण अभियान के लक्ष्य को हासिल करने पर बल

केंद्र और राज्य की सरकारें स्वास्थ्य और पोषण को बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध है। पोषण अभियान द्वारा कुपोषण, बौनापन, कम वजऩ और खून की कमी जैसी स्वास्थ्य समस्याओं को खत्म करने का प्रयत्न किया जा रहा है। यह सेवाएं आंगनबाड़ी केंद्रों से ही दी जाती हैं और जब आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहते हैं या वहां कार्यकर्ता नहीं होते हैं तो यह सेवाएं प्रभावित होती हैं जिसकी वजह से बच्चों, किशोरों और महिलाओं में पोषण का स्तर नहीं बढ़ पाएगा और पोषण अभियान के लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पाएंगे।

25 दिन आंगनबाड़ी केंद्र खुला रहना जरूरी

सचिव द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ की हड्डी मानी जाती हैं जो मुख्य रूप से स्वास्थ्य सेवाएं लोगों तक पहुंचाती हैं। इसके साथ ही पोषण अभियान का भी वह महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और लोगों को स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देना भी उनके कार्य क्षेत्र में आता है। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों और महिलाओं को पूरक भोजन भी दिया जाता है। इसलिए हर आंगनबाड़ी केंद्र माह में कम से कम 25 दिन खुला रहना चाहिए।  


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