जवाब देने के लिए वीणा देवी को एक दिन की मोहलत, विरोध में रघुवंश बैठे धरने पर
वैशाली से लोजपा उम्मीदवार वीणा देवी पर नामांकन पत्र में आपराधिक मुकदमे की जानकारी छुपाने का आरोप। डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह के चुनाव एजेंट ने स्क्रूटनी के समय दर्ज कराई थी आपत्ति।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। वैशाली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से लोक जनशक्ति पार्टी की उम्मीदवार वीणा देवी के नामांकन पत्र पर आई आपत्ति की सुनवाई अब गुरुवार की सुबह नौ बजे होगी। निर्वाचन पदाधिकारी ने उनके नामांकन पत्र की स्क्रूटनी तत्काल स्थगित कर दी है।
इससे पहले बुधवार की दोपहर वीणा देवी के नामांकन पत्र को रद करने की मांग को लेकर राजद कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। वे एसडीओ पूर्वी डॉ.कुंदन कुमार से उलझ गए। उनसे धक्का-मुक्की भी की। देर शाम राजद उम्मीदवार डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह भी समाहरणालय पहुंचे। वे लोजपा उम्मीदवार का नामांकन रद करने की मांग व सुनवाई के लिए एक दिन का समय दिए जाने के विरोध में धरना पर बैठ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन पदाधिकारी राज्य सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। उनके समर्थन में कई राजद विधायक भी धरना पर बैठ गए। इससे पहले निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थकों ने भी हंगामा व धरना दिया। तब उसके दो समर्थकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
यह है मामला
वैशाली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवारों के नामांकन पत्र की बुधवार को स्क्रूटनी की जा रही थी। इसी दौरान राजद उम्मीदवार के चुनाव एजेंट ठाकुर धर्मेंद्र सिंह ने वीणा देवी पर नामांकन के शपथ पत्र में आपराधिक मुकदमा छुपाने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि वैशाली के लालगंज थाने में दर्ज अनुसूचित जाति/ जनजाति अत्याचार से संबंधित एक आपराधिक मुकदमा (कांड संख्या- 43/ 2005)में वीणा देवी आरोपित हैं। वे पिछले नौ साल से इस मामले में फरार हैं।
उन्होंने जान-बूझकर यह मामला छुपाया है। इसलिए उनकी उम्मीदवारी रद की जाए। उन्होंने संबंधित दस्तावेज भी जिला निर्वाचन पदाधिकारी व चुनाव आयोग के प्रेक्षक को सौंपा। इस आपत्ति को लेकर निर्वाचन पदाधिकारी ने वीणा देवी से स्पष्टीकरण देने को कहा। इसके लिए उन्हें शाम छह बजे का समय दिया गया था।
इस बीच हाईकोर्ट से आए उनके अधिवक्ता ने निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष दलील दी कि उन्हें जिस मामले की जानकारी थी। उसका शपथ पत्र में उल्लेख किया गया है। अब उनके समक्ष यह नई जानकारी दी जा रही है। इसका जवाब देने के लिए उन्होंने और समय की मांग की। निर्वाचन पदाधिकारी ने इसे स्वीकार करते हुए गुरुवार की सुबह नौ बजे का समय उन्हें दिया। इसकी सूचना जैसे ही समाहरणालय में मौजूद राजद कार्यकर्ताओं को मिली, वे गेट के पास जमा हो गए और नारेबाजी व हंगामा करने लगे।