ब्रजेश सहित सभी आरोपितों की 19 तक बढ़ी न्यायिक हिरासत की अवधि
बालिका गृह कांड में सभी आरोपितों की सुनवाई हुई। इनकी न्यायिक हिरासत की अवधि 19 नवंबर तक बढ़ा दी गई है।
जेएनएन (मुजफ्फरपुर) । बालिका गृह यौन हिंसा में न्यायिक हिरासत में पटियाला सेंट्रल जेल में बंद मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर सहित सभी आरोपितों की न्यायिक हिरासत की अवधि 19 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। हालांकि पटियाला सेंट्रल जेल की वीडियो कांफ्रेंसिंग सिस्टम में खराबी से उसकी पेशी नहीं हो सकी। वहीं बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी, बाल कल्याण पदाधिकारी रवि रोशन, सीडब्ल्यूसी के सदस्य विकास कुमार व अन्य सात महिला सहित 13 आरोपितों को पटना के बेऊर जेल से लाकर पेश किया गया। ब्रजेश के सफाईकर्मी गौरव कुमार उर्फ मोटू को मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया गया
रामानुज व कृष्णा की सीबीआइ रिमांड अवधि पूरी : ब्रजेश के रिश्ते के मामा समस्तीपुर के रामानुज ठाकुर व उसके सफाईकर्मी चकबासू निवासी कृष्णा राम की सीबीआइ रिमांड सोमवार को पूरी हो गई। सीबीआइ ने उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। दोनों को मिलाकर इस मामले में कुल 17 आरोपित न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं।
राजी रानी की जमानत अर्जी पर सुनवाई टली : बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी की जमानत अर्जी पर एक बार फिर सुनवाई टल गई है। आज इस अर्जी पर सुनवाई होनी थी, लेकिन पटना सिविल कोर्ट के उनके अधिवक्ता केडी मिश्रा कोर्ट में नहीं पहुंच सके। पिछली तारीख को भी उनके नहीं पहुंचने के कारण जमानत अर्जी पर सुनवाई टल गई थी। अब इस पर 19 नवंबर को सुनवाई होगी।
रवि रोशन की ओर से तीसरी बार जमानत अर्जी दाखिल : निलंबित बाल कल्याण पदाधिकारी रवि रोशन की ओर से विशेष पॉक्सो कोर्ट में तीसरी बार जमानत की अर्जी दाखिल की गई। इस बार स्टाफ सेलेक्शन कमीशन के तहत एकाउंटेंट ऑफ सेंट्रल सिविल एकाउंट्स सर्विस की परीक्षा में उत्तीर्ण होने व मेरिट को आधार बनाया गया है। इससे पहले की दोनों जमानत अर्जी विशेष पॉक्सो कोर्ट ने खारिज कर दी है।
कोर्ट में दाखिल की एफएसएल रिपोर्ट : सीबीआइ ने सीलबंद लिफाफा में फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (एफएसएल) की रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी है। सीबीआइ जांच से पहले पुलिस ने बालिका गृह मामले से जुड़े साक्ष्यों की एफएसएल जांच के लिए गन्नीपुर स्थित प्रयोगशाला में भेजा था। इसमें बालिका गृह की खोदाई वाले गड्ढे से मिली मिट्टी, गृह से जब्त लड़कियों के कपड़े, दवा व अन्य साक्ष्य शामिल था। गड्ढे की मिट्टी से यह पता लगाना था कि इसमें बालिका गृह की लड़कियों की लाश को दफनाया तो नहीं गया था।
कपड़े पर मानव खून व सीमेन की जांच की जानी थी। एफएसएल की रिपोर्ट में क्या है इसका पता नहीं चला है। विशेष कोर्ट के न्यायाधीश ने रिपोर्ट को देखकर सीबीआइ को लौटा दी है। सिकंदरपुर श्मशान घाट की खोदाई से मिले मानव कंकाल की जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। सीबीआइ ने इसे सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (सीएफएसएल) भेजा था।
किश्त जमा करने की मिली अनुमति : न्यायिक हिरासत में जेल में बंद सीडब्ल्यूसी के सदस्य विकास कुमार के पिता के केसीसी ऋण खाता में किश्त जमा करने की कोर्ट ने अनुमति दे दी है। इस संबंध में उसकी ओर से अर्जी दाखिल की थी। कोर्ट के समक्ष सीबीआइ की ओर से जवाब देते हुए उसके विशेष लोक अभियोजक बीके सिंह ने इस पर किसी तरह की आपत्ति नहीं होने की बात कही।
जब मिले अपने तो भावुक हुए सभी : बेऊर जेल से कोर्ट में पेशी के लिए लाए जाने की सूचना पर कई महिला आरोपितों के परिजन सुबह दस बजे से ही कोर्ट परिसर में जमे हुए थे। शाम लगभग साढ़े चार बजे कड़ी सुरक्षा के बीच कैदी वैन से सभी को कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया। पेशी के बाद लौट रही महिला आरोपित व उनके परिजन भावुक हो गए। कई तो अपने परिजनों के गले पकड़ कर रोने लगे। बच्चों को देखकर कई आरोपितों की आंखे नम हो गईं।