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दरभंगा में AIIMS की मांग पूरी, मिथिला के साथ पश्चिम बंगाल और नेपाल के लोगों को भी मिलेगा लाभ

AIIMS in Darbhanga दरभंगा में एम्स की मांग पूरी होने के बाद लोगों में खुशी। 750 बेड के एम्स में लोगों को मिलेंगी अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 09:56 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 09:56 PM (IST)
दरभंगा में AIIMS की मांग पूरी, मिथिला के साथ पश्चिम बंगाल और नेपाल के लोगों को भी मिलेगा लाभ
दरभंगा में AIIMS की मांग पूरी, मिथिला के साथ पश्चिम बंगाल और नेपाल के लोगों को भी मिलेगा लाभ

दरभंगा, जेएनएन। मिथिला के केंद्र दरभंगा के लिए मंगलवार का दिन शुभ रहा। केंद्रीय कैबिनेट द्वारा यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निर्माण को मंजूरी दिए जाने के बाद खुशी की लहर दौड़ गई। यहां दरभंगा ही नहीं मिथिला व उत्तर बिहार के सभी जिलों के अलावा नेपाल व पश्चिम बंगाल के लाखों लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। वहीं, 34 लाख लोगों की आबादी वाले जिले को इसका सीधा लाभ मिलेगा। बता दें कि 2015-16 के केंद्रीय बजट में दूसरे एम्स के निर्माण की घोषणा हुई थी। इसकी स्वीकृति मिथिला के केंद्र दरभंगा के लिए हुई थी।  

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दो सौ एकड़ जमीन पर होगा निर्माण 

दरभंगा मेडिकल कॉलेज परिसर में एम्स के लिए 200 एकड़ भूमि उपलब्ध है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रस्ताव मिलने के साथ इसे तत्काल स्वीकृत किया था। स्थानीय सांसद गोपालजी ठाकुर द्वारा लगातार इस विषय को उठाए जाने के बाद भूमि की उपलब्धता एवं जमीन से जुड़ी तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने स्थल का निरीक्षण किया था। डीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. एचएन झा ने बताया कि अस्पताल निर्माण के लिए भूमि पहले ही दी जा चुकी है। 

1264 करोड़ आएगी लागत 

मिथिला की हृदयस्थली दरभंगा में 1264 करोड़ की लागत से बननेवाले 750 बेड के एम्स का निर्माण कार्य पूरा होने के साथ जिले के लोगों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं तत्काल मिल जाएंगी। लोगों को गंभीर रोगों के इलाज के लिए महानगरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। 

100 छात्र-छात्राएं करेंगी एमबीबीएस की पढ़ाई

 संस्थान में एक साथ सौ छात्र-छात्राओं को एमबीबीएस की पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा। मिथिला के लिए यह सुनहरा अवसर होगा जब इस धरती से देश के मानक पर स्थापित होनेवाले चिकित्सक तैयार होंगे। जबकि 60 छात्राएं बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई करेंगी।  

दरभंगा एम्स में होंगे करीब 16 विभाग 

जानकार बताते हैं कि इस अस्पताल के निर्माण के साथ ही एक साथ एक परिसर में सोलह से ज्यादा गंभीर रोगों से संबंधित विभाग काम करेंगे। इस कारण यहां गंभीर से गंभीर रोगों का इलाज संभव हो सकेगा। इनमें हृदय रोग, किडनी समेत शरीर के अंगों के प्रत्यारोपण समेत कई सुविधाएं प्रमुख होंगी। 

16 दिसंबर 2019 को पहली बार आई थी केंद्रीय टीम 

एम्स की स्थापना के लिए चल रही कवायद के तहत पहली बार 16 दिसंबर 2019 को केंद्रीय टीम ने दरभंगा का दौरा किया था। टीम ने अस्पताल की कनेक्टिवटी, जल-जमाव व अन्य तमाम पहलुओं की गंभीरता से विवेचना की थी। रेलवे लाइन व अन्य समस्याओं पर स्थानीय अधिकारियों से बात की थी। तत्काल सभी समस्याओं की लिस्ट बनी थी और उसे दूर किया गया था। 

अस्पताल से अलग होगा चिकित्सक व कर्मियों का आवास 

अस्पताल के निर्माण में जमीन का उपयोग भी करीने से किए जाने की योजना है। केंद्रीय टीम द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आई थी कि एम्स के लिए ली जानेवाली जमीन में से 25 एकड़ जमीन रेल लाइन के पार है। उसी वक्त यह फैसला लिया गया था कि अस्पताल के चिकित्सक व कर्मियों के आवास का निर्माण उक्त भूखंड पर होगा और वहां से सीधी कनेक्टिविटी अस्पताल तक होगी। 

इस बारे में स्थानीय सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा कि मिथिला के लोगों के लिए यह एम्स वरदान साबित होगा। इसका निर्माण दरभंगा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल परिसर में ही होगा।

वहीं जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि दरभंगा में बिहार के दूसरे एम्स की स्थापना की मंजूरी मिथिला के लिए ऐतिहासिक सौगात है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार। यह मुख्यमंत्री की जिद थी कि दरभंगा में ही एम्स बने।


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