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Muzaffarpur shelter home case : दो बार टलने के बाद अब अगले सप्ताह फैसले की तारीख मुकर्रर

Muzaffarpur shelter home case पहली बार 14 नवंबर व दूसरी बार 12 दिसंबर को मुकर्रर की गई थी फैसले की तारीख। अब 14 जनवरी को है फैसले की तारीख मुकर्रर।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 02:56 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 02:56 PM (IST)
Muzaffarpur shelter home case : दो बार टलने के बाद अब अगले सप्ताह फैसले की तारीख मुकर्रर
Muzaffarpur shelter home case : दो बार टलने के बाद अब अगले सप्ताह फैसले की तारीख मुकर्रर

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। दो बार टलने के बाद बालिका गृह मामले में दिल्ली के साकेत स्थित विशेष पॉक्सो कोर्ट से फैसला आएगा। सत्र-विचारण पूरे होने के बाद पहली बार विशेष कोर्ट ने 14 नवंबर को फैसले की तारीख मुकर्रर कर रखी है। दिल्ली में वकीलों की हड़ताल के कारण उस दिन फैसला टल गया। फैसले की दूसरी तारीख 12 दिसंबर मुकर्रर की गई। विशेष कोर्ट के न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ के अवकाश पर रहने के कारण उस दिन भी फैसला नहीं सका। अब कोर्ट ने 14 जनवरी को फैसले की तारीख मुकर्रर कर रखी है।

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ये हैं आरोपित

आरोपितों में ब्रजेश ठाकुर, बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी, तत्कालीन बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि रोशन, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दिलीप वर्मा, सदस्य विकास कुमार, बालिका गृह की कर्मचारी इंदु कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी, विजय कुमार तिवारी, गुड्डू कुमार पटेल, किशन राम उर्फ कृष्णा, डॉ. अश्विनी उर्फ आसमानी, विक्की, रामानुज ठाकुर, रामाशंकर ङ्क्षसह उर्फ मास्टर व साइस्ता परवीन उर्फ मधु शामिल हैं।

यह है मामला

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) की रिपोर्ट के आधार पर पिछले साल मई में यह मामला सामने आया था। बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक निदेशक दिवेश कुमार शर्मा ने 31 मई 2018 को महिला थाना में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने ब्रजेश ठाकुर सहित दस आरोपितों को गिरफ्तार किया था। बाद में इसकी जांच सीबीआइ को सौंपी गई। 26 जुलाई 2018 से सीबीइआइ मामले की जांच कर रही है।

    सीबीआइ ने 19 दिसंबर 2018 को ब्रजेश सहित 21 आरोपितों के खिलाफ मुजफ्फरपुर के विशेष पॉक्सो कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। विशेष पॉक्सो कोर्ट ने इसमें से 20 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र को संज्ञान लिया था। एक आरोपित के विरुद्ध साक्ष्य की कमी बताया गया। न्यायिक हिरासत में जेल में बंद दो अन्य आरोपितों संतोष कुमार व गौरव कुमार मोटू को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने रिहा कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पिछले साल फरवरी से दिल्ली स्थित साकेत के विशेष पॉक्सो कोर्ट में सत्र-विचारण चल रहा है।  


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