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उम्रकैद की सजा पाने के बाद अब बांट रहे अमानत का ज्ञान Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में बंद समस्तीपुर के रोसड़ा निवासी अमीन की पहल के बाद चल रहा शैक्षणिक सत्र। हत्या के आरोप में बखरी बेगूसराय के तत्कालीन सर्वे अमीन ने आजीवन कारावास की सजा।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 08:47 AM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 08:47 AM (IST)
उम्रकैद की सजा पाने के बाद अब बांट रहे अमानत का ज्ञान Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर,जेएनएन। पहले हत्या का आरोप लगा। कोर्ट में आरोप सिद्ध हो गया। आजीवन कारावास की सजा हो गई। फिर क्या था अपने जीवन के इस काले अध्याय को समाप्त करने की खातिर समस्तीपुर जिले के रोसड़ा निवासी बड़ेलाल महतो ने ज्ञान बांटना शुरू कर दिया। बड़ेलाल बेगूसराय के बखरी में सर्वे अमीन के पद पर काम करते थे। इसी दौरान वहां हुई हत्या की एक वारदात में उन्हें 15 अप्रैल 2019 को वहां की कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा हुई। सजा के बाद वे मुजफ्फरपुर स्थित शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में आए। यहां के माहौल को देखा। कारा अधीक्षक राजीव कुमार सिंह के सकारात्मक कार्यों से प्रेरित हुए। अमानत के ज्ञान को बंदियों के बीच बांटने का मन बनाया। फिर अमानत की पढ़ाई यहां शुरू हो गई। फिलहाल 54 बंदी अमानत की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

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प्रथम बैच के बंदियों की हुई जेल में परीक्षा

बताया गया है कि अमानत सीख रहे बंदियों में काफी उत्साह है। वजह यह कि ग्रामीण व शहरी स्तर पर इस विद्या के जानकार लोगों की संख्या बेहद कम है। ऐसे में इसका ज्ञान बेहद सूक्ष्म तरीके से प्राप्त कर रहे हैं। जिन 54 बंदियों को ज्ञान मिल रहा। वे जेल में आयोजित परीक्षा में शामिल हुए हैं। परीक्षा परिणाम आना शेष है।

प्रमाण-पत्र दिलाने की दिशा में हो रही पहल

जेल में अमानत की पढ़ाई हो रही है। बंदी इस शिक्षा को प्राप्त कर जेल से निकलने के बाद बेहतर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। इस शिक्षा को प्राप्त कर रहे बंदियों को प्रमाण-पत्र मिले, इसकी कोशिश की जा रही है। कारा अधीक्षक मुख्यालय से संवाद कर आवश्यक प्रक्रिया पूरी कराने में लगे हैं।

शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा,मुजफ्फरपुर के कारा अधीक्षक राजीव कुमार सिंह ने कहा कि बेेगूसराय में हुए हत्या के एक मामले में समस्तीपुर के रोसड़ा निवासी अमीन को आजीवन कारावास की सजा हुई। केंद्रीय कारा में आने के बाद उन्होंने अपना ज्ञान बांटने की दिशा में प्रयास किया। इनके साथ मिलकर बंदियों को अमानत का ज्ञान दिया जा रहा है। 54 बंदी शिक्षा पा रहे हैं।


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