एईएस से हो रही मौतों का जायजा लेने पहुंचे सीएम नीतीश, लोगों ने कहा- वापस जाओ
बिहार में चमकी बुखार से अब तक 140 बच्चों की मौत हो गई है। सीएम नीतीश मंगलवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। आक्रोशित लोगों ने नारेबाजी की। वहीं आज भी 8 की मौत हुई।
पटना, जेएनएन। मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानि चमकी बुखार से अबतक 140 बच्चों की मौत हो गयी है। वहीं अस्पतालों में भर्ती बीमार बच्चों की संख्या बढ़कर 443 हो गई है। बच्चों की मौतों के इस सिलसिले के 17 दिन बाद ही सही, सूबे के सीएम नीतीश कुमार मंगलवार बीमारी और इससे हो रही मौत के हालात का जायजा लेने मुजफ्फरपुर पहुंचे।
SKMCH पहुुंचे सीएम नीतीश कुमार PICU-1 में जहां पीड़ित बच्चों का हालचाल पूछ रहे थे, वहीं अस्तपाल के बाहर आक्रोशित लोगों की नाराजगी नजर आ रही थी। लोगों ने अस्पताल की कुव्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही का आरोप लगाते हुए सीएम वापस जाओ के नारे लगाए।
अस्पताल के बाहर लोग सीएम से सवाल पूछने के लिए आतुर थे, लेकिन नीतीश कुमार ने अस्पताल में मरीजों का हाल जानने के बाद किसी से कोई बात नहीं की और सीधा पटना के लिए रवाना हो गए। अस्पताल के भीतर सीएम ने AES से पीड़ित बच्चों के परिजनों का भी हालचाल जाना। सीएम नीतीश कुमार के साथ डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी भी मौजूद रहे।
बता दें कि चमकी बुखार से पीड़ित ज्यादातर मरीज मुजफ्फरपुर के सरकारी श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल (एसकेएमसीएच) और केजरीवाल अस्पताल में एडमिट हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के खिलाफ बीमारी से पहले एक्शन नहीं लेने के आरोप में केस दर्ज हुआ है। बच्चों की मौत पर मानवाधिकार आयोग ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भेजा है।
#WATCH Locals hold protest outside Sri Krishna Medical College and Hospital in Muzaffarpur as Bihar CM Nitish Kumar is present at the hospital; Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) is 108. pic.twitter.com/N1Bpn5liVr — ANI (@ANI) June 18, 2019
मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुजफ्फरपुर जिले में इंसेफेलाइटिस वायरस की वजह से बच्चों की मौत की बढ़ती संख्या पर सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बिहार सरकार से रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक नोटिस जारी किया है।
मानवधिकार आयोग ने कहा कि सोमवार को बिहार में एईएस से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 100 से ज्यादा हो गई है और राज्य के अन्य जिले भी इससे प्रभावित हैं। इसके साथ ही आयोग ने इंसेफेलाइटिस वायरस और चमकी बुखार की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है। मानवधिकार आयोग ने चार हफ्तों में जवाब मांगा है।
मुख्यमंत्री ने बुलाई थी उच्चस्तरीय बैठक
बिहार में महामारी की तरह फैल रहे चमकी बुखार को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक की थी, जिसके बाद मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि बिहार सरकार ने फैसला किया है कि उनकी टीम हर उस घर में जाएगी जिस घर में इस बीमारी से बच्चों की मौत हुई है।
टीम बीमारी के बैक ग्राउंड को जानने की कोशिश करेगी, क्योंकि सरकार अब तक यह पता नहीं कर पाई है कि आखिर इस बीमारी की वजह क्या है? कई विशेषज्ञ इसकी वजह लीची वायरस बता रहे हैं, लेकिन कई ऐसे पीड़ित भी हैं, जिन्होंने लीची नहीं खाई।
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