AES in Muzaffarpur: माइक्रो प्लानिंग से एईएस पर किया जाएगा नियंत्रण, AES संबंधित बनाई जाएगी बुकलेट
पदाधिकारियों के साथ डीएम ने की बैठक दिए कई ¨बदुओं पर निर्देश ओआरएस के वितरण के साथ इसका महत्व भी बताएं। गोद लिए गए गांवों के पदाधिकारियों को जानकारी लेने का निर्देश दिए।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एईएस की रोकथाम और उस पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर जिलाधिकारी डॉ.चंद्रशेखर सिंह ने सभी कोषांगों के वरीय पदाधिकारी व नोडल पदाधिकारियों के साथ समाहरणालय सभागार में बैठक की। इसमें एईएस की रोकथाम को अभी तक किए गए जागरूकता कार्यक्रमों की समीक्षा की। आने वाले दिनों में एईएस पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर तैयार की गई माइक्रो प्लानिंग से पदाधिकारियों को अवगत कराया गया।
गोद लिए गए गांवों के संबंधित पदाधिकारियों को पंचायत, गांव व टोला की जानकारी लेने का निर्देश दिया। डीएम ने कहा कि गोद लिए गए गांव व टोलों के प्रति आपकी जिम्मेदारी है। सभी पदाधिकारी फिलहाल सप्ताह में एक दिन उन गांवों में जाएंगे। उन महादलित टोलों में भी जाएं। पंचायत स्तरीय कर्मियों व जनप्रतिनिधियों के सहयोग से कमजोर व बीमार बच्चों की सूची तैयार कराएं, ताकि उनके पोषण की वैकल्पिक व्यवस्थाएं की जा सके।
एईएस से संबंधित बनाई जाएगी बुकलेट
डीएम ने एईएस से संबंधित एक बुकलेट बनाने का निर्णय लिया है। इसमें जिले की भौगोलिक स्थिति के साथ-साथ एईएस प्रभावित क्षेत्रों व इसके संबंध में प्रशासनिक स्तर पर की जा रही संपूर्ण तैयारियों का खाका वर्णित रहेगा। बैठक में सभी पदाधिकारियों को गांव में खाद्यान्न वितरण, कमजोर बच्चों की सूची, पेयजल की उपलब्धता, आवास, स्वच्छता, वाहन की तैनाती, दीवार लेखन, ओआरएस घोल का वितरण कराने के निर्देश दिए। साथ ही हैंडबिल का वितरण व उसे पढ़कर सुनाने का भी कार्य सौंपा गया है।
सीएस को कई जिम्मेदारियां
डीएम ने सिविल सर्जन को पीएचसी में तैनात पारा मेडिकल स्टाफ का प्रशिक्षण हर हाल में कराने को कहा। पीएचसी स्तर पर उपलब्ध सेवाएं व उसके क्रियान्वयन में कमी पर कड़ी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका व आशा के माध्यम से जरूरतमंदों को ओआरएस पैकेट देकर इसका महत्व भी परिवार को बताएं। साथ ही सेविका, सहायिका व जीविका दीदी एक-एक घर पर नजर रखेंगी । बैठक में उप विकास आयुक्त उज्ज्वल कुमार सिंह, अपर समाहर्ता राजेश कुमार, अपर समाहर्ता आपदा अतुल कुमार वर्मा व सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी जुड़े थे।