सरकार की वादाखिलाफी को लेकर अधिवक्ताओं का शुरू होगा देशव्यापी आंदोलन
10 सूत्री मांगों को लेकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आह्वान पर आंदोलन पर उतारू हुए अधिवक्ता। 11 फरवरी को बुलाई जाएगी अधिवक्ताओं की आमसभा, जुलूस में जाकर डीएम को सौंपेंगे ज्ञापन।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आह्वान पर अधिवक्ताओं के देशव्यापी आंदोलन में मुजफ्फरपुर के अधिवक्ता भी शामिल होंगे। इसकी तैयारी को लेकर मंगलवार को बार लाइब्रेरी में संयुक्त बैठक आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता जिला बार एसोसिएशन के वरीय उपाध्यक्ष जयमंगल प्रसाद ने की। इसमेंं आंदोलन की रूपरेखा पर विचार किया गया।
आंदोलन में जिला बार एसोसिएशन, एडवोकेट एसोसिएशन व टैक्सेशन बार एसोसिएशन संयुक्त रूप से शामिल होगा। इसे सफल बनाने के लिए तीनों अधिवक्ता संघों की जुबली हॉल में छह फरवरी को वृहत्तर बैठक होगी। सुचारू रूप से संचालित करने अभियान समिति व समन्वय समिति गठित की गई है। एसोसिएशन के सदस्य वीरेंद्र कुमार को इसका संयोजक बनाया गया है।
11 फरवरी को बुलाई जाएगी आमसभा
आंदोलन को व्यापक रूप देने के लिए 11 फरवरी को अधिवक्ताओं की आमसभा बुलाई जाएगी। इसके बाद अधिवक्ता जुलूस की शक्ल में डीएम कार्यालय पहुंच कर उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे। बाद में पांच-पांच की टोली में अधिवक्ता सांसदों व विधायकों को भी ज्ञापन सौंपेगी। इसके माध्यम से उनसे उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का आग्रह किया जाएगा।
आंदोलन के ये हैं कारण
जिला बार काउंसिल के महासचिव व स्टेट बार काउंसिल के सदस्य सचिदानंद सिंह ने बताया कि एक मार्च 2014 को गुजरात में बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई थी। इसमें बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से दस सूत्री मांग पत्र पेश किया गया था। इसमें गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे।
तब उन्होंने आश्वासन दिया था कि अगर वे प्रधानमंत्री बन गए तो अधिवक्ताओं की मांगों को पूरा करेंगे। इस बीच लॉ कमीशन की रिपोर्ट आ गई। केंद्र सरकार ने अधिवक्ताओंं के अधिकारों में कटौती कर दी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसमें रिलीफ दिया। मांगों को लेकर वित्तमंत्री से लेकर अन्य अधिकारियों से अधिवक्ताओं का शिष्टमंडल मिला, लेकिन आश्वासन के बाद वर्तमान अंतरिम बजट से निराशा ही मिली।
बैठक में ये थे उपस्थित
अशोक कुमार वर्मा, सुनीता कुमारी, जयप्रकाश सहाय, केशव कुमार, विभूतिनाथ झा, राजू शुक्ला, आनंद कुमार, राजीव कुमार व राघवेंद्र श्रीवास्तव सहित अन्य अधिवक्ता उपस्थित थे।