जंक्शन पर आशा का उग्र आंदोलन, पांच घंटे ट्रेनों को रोका, सप्तक्रांति पर पथराव
5000 की संख्या में आशा पहुंची थीं स्टेशन पर, अधिकारियों और यात्रियों से उलझीं। वेतन भुगतान और अन्य मांगों के समर्थन में रेलवे ट्रैक पर उतरीं।
By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 05:09 PM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 05:09 PM (IST)
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। वेतन भुगतान समेत 12 सूत्री मांगों के समर्थन में आशा ने उग्र तेवर अपना लिए। बिहार राज्य आशा संघ की ओर से गुरुवार को रेलवे ट्रैक पर उतर गईं। करीब पांच हजार की संख्या में पहुंचीं आशा धरने पर बैठ गईं। आनंद विहार जानेवाली सप्तक्रांति और वैशाली एक्सप्रेस को रोक दिया। सरकार और मंत्रियों के खिलाफ नारेबाजी करने लगीं। इसी बीच ट्रैक से पत्थर उठाकर सप्तक्रांति एक्सप्रेस पर पथराव करना भी शुरू कर दिया। कई यात्री जख्मी भी हो गए। मामले की उग्रता की सूचना पर जीआरपी इंस्पेक्टर अच्छेलाल सिंह यादव, आरपीएफ जवान और क्षेत्रीय अधिकारी मनोज कुमार और उनकी टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने आशा नेतृत्व से बात की। लेकिन, वे न मानने को तैयार थीं, न ही ट्रैक से हटने को। करीब पांच घंटे तक ट्रेनों की आवाजाही ठप रही और स्टेशन पर अफरातफरी का माहौल रहा।
आशा की यात्रियों से झड़प
ट्रैक जाम होने और सप्तक्रांति के घंटा भर रुकने से यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा। वे इंजन तक पहुंच गए। वहां आशा द्वारा ट्रैक जाम देख उनसे उलझ गए। दोनों पक्षों में झड़प हो गई। कुछ देर तक दोनों पक्ष एक-दूसरे को खदेड़ते रहे। प्लेटफॉर्म पर अफरातफरी मच गई। अन्य ट्रेनों के यात्री इधर-उधर भागने लगे। आरपीएफ और जीआरपी जवानों ने बीच बचाव कर माहौल को शांत करवाया। प्लेटफॉर्म संख्या संख्या दो पर यात्रियों और कार्यकर्ताओं में तो लगभग भिड़ंत ही हो गई। आशा यात्रियों को मारने दौड़ गईं। यात्रियों ने आनन-फानन ट्रेनों की खिड़की और गेट बंद कर दिए।
दर्जन भर फंसी रहीं ट्रेनें
ट्रैक जाम करने से ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया। जंक्शन पर सप्तक्रांति और वैशाली एक्सप्रेस, रामदयालुनगर स्टेशन पर डाउन ग्वालियर मेल, डाउन गोंदिया एक्सप्रेस, कुढऩी में अवध असम एक्सप्रेस, नारायणपुर अनंत में अप गोंदिया एक्सप्रेस समेत दर्जनों टे्रनें फंसी रहीं। इनके अलावा आउटर पर भी कई ट्रेनें रुकी रहीं।
सभी ब्लॉकों से पहुंची थीं आशा
जिला मंत्री मंजुला कुमारी ने कहा कि विभिन्न मांगों के लिए रेल रोको आंदोलन किया गया। कई ट्रेनों को रोका गया। सभी ब्लॉक की आशा ने आंदोलन को सफल बनाया। आंदोलन में अनीता शर्मा, कविता कुमारी, नसीमा खातून, उषा कुमारी, रेखा कुमारी, मीरा कुमारी, रुक्मिणी कुमारी, सुमन कुमारी, मीरा कुमारी, रंजू देवी, मिंटू देवी, ममता देवी, संगीता देवी, अनीता देवी, शैल कुमारी आदि शामिल रहीं।
रेल थानाध्यक्ष अच्छेलाल सिंह यादव ने कहा कि काफी मशक्कत करके आशा को ट्रैक से हटाया गया। करीब पांच घंटे ट्रेनों को रोका गया। ट्रेन पर पथराव भी किया गया। कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
टाइम लाइन
-11:23 बजे सुबह आशा जंक्शन पहुंचीं।
-11:30 बजे सप्तक्रांति एक्सप्रेस के आगे आकर रोक दिया।
-11:40 बजे अप वैशाली एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म चार पर आकर रुकी।
-11:45 बजे मेन लाइन जाम कर ट्रेन रोक दिया गया।
-12 बजे जीआरपी इंस्पेक्टर और आरपीएफ जवान पहुंचे।
-12:30 बजे तक वार्ता चली, लेकिन मानने से इन्कार कर दिया।
-1:00 बजे तक आशा की नारेबाजी जारी, पुलिस मनाने में जुटी रही।
-1:30 बजे सप्तक्रांति एक्सप्रेस की जनरल बोगी के यात्री इंजन तक पहुंचे।
-2:00 बजे तक पुलिस की कोशिश पर पानी फिरा और आंदोलन जारी रहा।
-2:30 बजे यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया, आशा से झड़प।
-3:00 बजे तक रेल पुलिस सक्रिय होकर ट्रैक पर उतरी, आशा को हटाने की कोशिश, यात्रियों ने भी दिया साथ।
-3:15 बजे रेल पुलिस व आरपीएफ जवानों ने आशा को ट्रैक से जबरन हटाकर सप्तक्रांति एक्सप्रेस को रवाना किया। आशा ने टे्रन पर पथराव किया।
-3:30 बजे वैशाली एक्सप्रेस को किया गया रवाना।
-4:00 बजे तक स्टेशन परिसर में मची रही अफरातफरी।
आशा की यात्रियों से झड़प
ट्रैक जाम होने और सप्तक्रांति के घंटा भर रुकने से यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा। वे इंजन तक पहुंच गए। वहां आशा द्वारा ट्रैक जाम देख उनसे उलझ गए। दोनों पक्षों में झड़प हो गई। कुछ देर तक दोनों पक्ष एक-दूसरे को खदेड़ते रहे। प्लेटफॉर्म पर अफरातफरी मच गई। अन्य ट्रेनों के यात्री इधर-उधर भागने लगे। आरपीएफ और जीआरपी जवानों ने बीच बचाव कर माहौल को शांत करवाया। प्लेटफॉर्म संख्या संख्या दो पर यात्रियों और कार्यकर्ताओं में तो लगभग भिड़ंत ही हो गई। आशा यात्रियों को मारने दौड़ गईं। यात्रियों ने आनन-फानन ट्रेनों की खिड़की और गेट बंद कर दिए।
दर्जन भर फंसी रहीं ट्रेनें
ट्रैक जाम करने से ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया। जंक्शन पर सप्तक्रांति और वैशाली एक्सप्रेस, रामदयालुनगर स्टेशन पर डाउन ग्वालियर मेल, डाउन गोंदिया एक्सप्रेस, कुढऩी में अवध असम एक्सप्रेस, नारायणपुर अनंत में अप गोंदिया एक्सप्रेस समेत दर्जनों टे्रनें फंसी रहीं। इनके अलावा आउटर पर भी कई ट्रेनें रुकी रहीं।
सभी ब्लॉकों से पहुंची थीं आशा
जिला मंत्री मंजुला कुमारी ने कहा कि विभिन्न मांगों के लिए रेल रोको आंदोलन किया गया। कई ट्रेनों को रोका गया। सभी ब्लॉक की आशा ने आंदोलन को सफल बनाया। आंदोलन में अनीता शर्मा, कविता कुमारी, नसीमा खातून, उषा कुमारी, रेखा कुमारी, मीरा कुमारी, रुक्मिणी कुमारी, सुमन कुमारी, मीरा कुमारी, रंजू देवी, मिंटू देवी, ममता देवी, संगीता देवी, अनीता देवी, शैल कुमारी आदि शामिल रहीं।
रेल थानाध्यक्ष अच्छेलाल सिंह यादव ने कहा कि काफी मशक्कत करके आशा को ट्रैक से हटाया गया। करीब पांच घंटे ट्रेनों को रोका गया। ट्रेन पर पथराव भी किया गया। कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
टाइम लाइन
-11:23 बजे सुबह आशा जंक्शन पहुंचीं।
-11:30 बजे सप्तक्रांति एक्सप्रेस के आगे आकर रोक दिया।
-11:40 बजे अप वैशाली एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म चार पर आकर रुकी।
-11:45 बजे मेन लाइन जाम कर ट्रेन रोक दिया गया।
-12 बजे जीआरपी इंस्पेक्टर और आरपीएफ जवान पहुंचे।
-12:30 बजे तक वार्ता चली, लेकिन मानने से इन्कार कर दिया।
-1:00 बजे तक आशा की नारेबाजी जारी, पुलिस मनाने में जुटी रही।
-1:30 बजे सप्तक्रांति एक्सप्रेस की जनरल बोगी के यात्री इंजन तक पहुंचे।
-2:00 बजे तक पुलिस की कोशिश पर पानी फिरा और आंदोलन जारी रहा।
-2:30 बजे यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया, आशा से झड़प।
-3:00 बजे तक रेल पुलिस सक्रिय होकर ट्रैक पर उतरी, आशा को हटाने की कोशिश, यात्रियों ने भी दिया साथ।
-3:15 बजे रेल पुलिस व आरपीएफ जवानों ने आशा को ट्रैक से जबरन हटाकर सप्तक्रांति एक्सप्रेस को रवाना किया। आशा ने टे्रन पर पथराव किया।
-3:30 बजे वैशाली एक्सप्रेस को किया गया रवाना।
-4:00 बजे तक स्टेशन परिसर में मची रही अफरातफरी।
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