पश्चिम चंपारण : बगहा का एक ऐसा अस्पताल जहां 10 साल से नहीं हुआ इलाज, माखौल उड़ा रही व्यवस्था
पश्चिम चंपारण के बगहा में एक ऐसा अस्पताल है जहां चिकित्सक व कर्मी तो पदस्थापित हैं। लेकिन बीते 10 साल में एक भी मरीज का इलाज नहीं हुआ। विभागीय उदासीनता का दंश झेल रही हजारों की आबादी। स्थानांतरण की फाइल अटकी लोगों में भारी निराशा।
बगहा (पचं), जासं। अस्पतालों की स्थापना मरीजों को चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराने के ख्याल से होती है। लेकिन बगहा में एक ऐसा अस्पताल है, जहां चिकित्सक व कर्मी तो पदस्थापित हैं। लेकिन बीते 10 साल में एक भी मरीज का इलाज नहीं हुआ। दरअसल, अनुमंडलीय अस्पताल परिसर में संचालित बगहा एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सिर्फ टीकाकरण की मॉनीटरिंग होती है। विभाग ने इस अस्पताल को भैरोगंज स्थानांतरित करने की घोषणा की थी। लेकिन, एक वर्ष बाद भी स्थानांतरण नहीं हो सका। इलाज नहीं होने का एक मात्र कारण यह है कि यहां पहुंचने वाले मरीज अनुमंडलीय अस्पताल में ही अपना इलाज कराते हैं।
एक ही परिसर में दो अस्पताल होने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। इस ओर न तो विभाग और ना ही स्थानीय जन-प्रतिनिधियों का ध्यान है। यदि अस्पताल को बगहा एक प्रखंड के किसी अन्य पंचायत में स्थानांतरित कर दिया जाता तो एक बड़ी आबादी को इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल आने की आवश्यकता नहीं रह जाती। बता दें कि अनुमंडलीय अस्पताल में जहां आधा दर्जन चिकित्सकों की तैनाती है वहीं पीएचसी में सिर्फ एक। पूर्व बगहा विधायक प्रभात रंजन सिंह ने इस पीएचसी का स्थानांतरण भैरोगंज कराने की अनुशंसा की थी। विभाग द्वारा इसके स्थानांतरण को लेकर पत्राचार भी किया गया। लेकिन फिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया। भैरोगंज में अभी एक एपीएचसी है। जहां दो आयुष चिकित्सकों की तैनाती है।
माखौल उड़ा रही व्यवस्था
वर्षों से एक ही परिसर में दो अस्पतालों के अवस्थित होने के बावजूद बगहा की चिकित्सीय व्यवस्था दम तोड़ती नजर आती है। कारण अधिकांश मरीजों को अनुमंडलीय अस्पताल से रेफर ही किया जाता है। संसाधन और सुविधाओं के विस्तार की दिशा में कोई पहल नहीं होने से स्थानीय लोग निराश हैं। भैरोगंज के संजय दूबे, राकेश राव, मुकेश राव, मो. वैश्य आदि बताते हैं कि यदि बगहा एक पीएचसी को भैरोगंज में स्थानांतरित कर यहां चिकित्सकों की पदस्थापना कर दी जाती तो काफी सहुलियत होती।
इस बारे में बगहा एक के पीएचसी प्रभारी डाॅ. सूर्य नारायण महतो ने कहा कि मैं बीते 14 वर्षो से इस अस्पताल में पदस्थापित हूं। मेरी पदस्थापना के पूर्व से इस अस्पताल में इलाज नहीं होता। अस्पताल से सिर्फ टीकाकरण की मॉनीटरिंग होती है।