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छात्रवृत्ति घोटाले में फंसी इनकी गर्दन, वेतन पर लगी रोक

वित्तीय वर्ष 2015-2016 में छात्रवृत्ति मद की राशि गबन करने के मामले में जिले के 97 स्कूलों के प्रधान शिक्षकों की गर्दन फंस गई है। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के आदेश पर आरडीडीई प्राथमिक शिक्षा, आरडीडीई तिरहुत प्रमंडल और तत्कालीन डीईओ की तीन सदस्यीय टीम ने मामले की जांच की थी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 02:55 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 03:25 PM (IST)
छात्रवृत्ति घोटाले में फंसी इनकी गर्दन, वेतन पर लगी रोक
छात्रवृत्ति घोटाले में फंसी इनकी गर्दन, वेतन पर लगी रोक

मुजफ्फरपुर। वित्तीय वर्ष 2015-2016 में छात्रवृत्ति मद की राशि गबन करने के मामले में जिले के 97 स्कूलों के प्रधान शिक्षकों की गर्दन फंस गई है। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के आदेश पर आरडीडीई प्राथमिक शिक्षा, आरडीडीई तिरहुत प्रमंडल और तत्कालीन डीईओ की तीन सदस्यीय टीम ने मामले की जांच की थी। इस दौरान 45 स्कूलों के एचएम ने टीम को अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए थे। मामले में डीईओ के आदेश पर डीपीओ स्थापना शिवनाथ रजक ने अभिलेख नहीं उपलब्ध कराने वाले जिले के 45 स्कूलों के एचएम के वेतन पर रोक लगा दी है।

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स्पष्टीकरण का जवाब मिलने तक वेतन भुगतान पर रोक

वहीं स्पष्टीकरण जारी करते हुए 24 घंटे के भीतर जबाव मांगा है। डीपीओ स्थापना ने अभिलेख उपलब्ध नहीं कराने को नोडल अधिकारी, सरकार व विभाग के आदेश की अवहेलना व मनमानी करार देते हुए राशि को गबन मानते हुए थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने व विभगीय कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। वहीं कहा है कि स्पष्टीकरण का जवाब मिलने तक वेतन भुगतान पर रोक लगी रहेगी। इन स्कूलों के एचएम का रूका वेतन

डीपीओ स्थापना ने जिले के जिन स्कूलों के एचएम के वेतन भुगतान पर रोक लगाते हुए स्पष्टीकरण जारी किया है, उनमें बोखड़ा प्रखंड के मध्य विद्यालय ¨सघाचौरी, मवि साह मुहल्ला पोखरैरा, मवि अनुसूचित जाति बोखड़ा, परसौनी प्रखंड के मवि कन्हौली गजपति, प्रावि कन्हौली गजपति पूर्वी टोल, रून्नीसैदपुर प्रखंड के प्रावि हुसैनपुर, मवि वधीपुर, मवि रसलपुर मलमला, मवि थुम्मा द्वितीय, बैरगनिया प्रखंड के मवि बैरगनिया कन्या, मवि अशोगी कन्या, सुप्पी प्रखंड के मवि ससौला कन्या, प्रथम, मवि ससौला कन्या द्वितीय, प्रावि घरवारा उत्तरी टोल, मवि ढेंग, सोनबरसा प्रखंड के प्रावि खैरा टोला, प्रावि मुरहा छतौनी वार्ड 4, मवि कर्पूरीनगर इंदरवा, मवि मड़पा कचोर, मवि रजवाड़ा, बथनाहा प्रखंड के मवि महादेव, मवि सहियारा, प्रावि बदूरी अमघट्टा, सुरसंड प्रखंड के मवि कुम्मा प्रावि हनुमाननगर पोखर टोला, मवि कोरियाही, चोरौत प्रखंड के मवि विष्णुपुर, मवि बसोत्तरा, मवि परिगमा, मवि बरमा, पुपरी प्रखंड के प्रावि तेम्हुआ थलही, प्रावि राम खेतारी, प्रावि वृत्ति टोला तेम्हुआ, मवि सोनबरसा टोल, मवि मानिकपुर, बाजपट्टी प्रखंड के मवि बनगांव गोट, मवि हुमायुपुर, मवि कचहरीपुर उर्दू, प्रावि बीन टोली, बेलसंड प्रखंड के मवि ओलीपुर, मवि गोठवारा, प्रावि ईदगाह टोल चंदौली, प्रावि ब्रह्मोत्तर टोल पचनौर व प्राथमिक विद्यालय हसौर दक्षिणी टोल शामिल है। यह है मामला

सीतामढ़ी जिले के परिहार प्रखंड में छात्रवृत्ति मद में व्यापक पैमाने पर अनियमितता सामने आई थी। मामले को लेकर डीएम ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव से जांच की अनुशंसा की थी। इसके आलोक में पूरे जिले में वित्तीय वर्ष 2015-2016 में छात्रवृत्ति वितरण से संबंधित मामले की जांच की गई थी। जिसमें व्यापक पैमाने पर अनियमितता सामने आई थी। अब तक की जांच में 97 एचएम को गबन का आरोपी पाया गया है। इनमें 45 के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। 45 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों ने जांच टीम के समक्ष अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया था। शेष 52 सरकार के निर्देश के विरूद्ध काम किया था। सरकारी निर्देशानुसार प्रथम किश्त का भुगतान बच्चों के बीच नगद करना था, जबकि द्वितीय किश्त की राशि छात्र-छात्रा के बैंक खाते में भेजना था, जिसमें कई विद्यालयों ने नगद निकासी कर नगद ही वितरण कर दिया। कमेटी ने नगदी भुगतान को गबन मानते हुए अपनी रिपोर्ट प्रधान सचिव को सौंपी थी।


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