Coronavirus: समस्तीपुर रेल मंडल में 55 सवारी डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में किया तब्दील, रहेंगी यह सुविधाएं
मंडल वाणिज्य प्रबंधक सरस्वतीचंद्र ने बताया कि पूर्व मध्य रेल के 268 सवारी डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित किया जा रहा है।
समस्तीपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्य मंत्रलय के प्रयासों को गति देने के लिए रेलवे सवारी डिब्बों को तेजी से आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित कर रहा है। समस्तीपुर रेल मंडल में 55 सवारी डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया गया है। मंडल वाणिज्य प्रबंधक सरस्वतीचंद्र ने बताया कि पूर्व मध्य रेल के 268 सवारी डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित किया जा रहा है। इनमें से अबतक 166 डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित किया जा चुका है। इसके लिये सभी मंडलों को अलग-अलग लक्ष्य दिया गया है। उन्होंने बताया कि दानापुर मंडल द्वारा दिए गए लक्ष्य के अनुरूप 55 में से 38 को आइसोलेशन कोच में बदला जा चुका है।
इसी प्रकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल द्वारा 38 में से 16 कोच, धनबाद मंडल की ओर से 40 में से 24 कोच, समस्तीपुर मंडल ने 55 कोच, सोनपुर मंडल में 40 में से 28 कोच व कैरेज रिपेयर वर्कशॉप हरनौत की ओर से 40 में से 20 को आइसोलेशन कोच में परिवर्तन किया गया है। ईसीआर में कुल 166 कोचों को आइसोलेशन कोच में परिवर्तित किया जा चुका है। सीपीआरओ ने बताया कि इन आइसोलेशन कोचों में पूर्व में जारी किए गए चिकित्सा परामर्श के तहत सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। साथ ही जरूरतों एवं नियमों के तहत सर्वश्रेष्ठ विश्रम और चिकित्सा निगरानी सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
ईस्ट-सेंट्रल रेलवे ने शुरुआत में 208 कोचों में क्वारंटाइन/आइसोलेशन वार्ड बनाने की तैयारी की थी। पूर्व-मध्य रेलवे द्वारा कुल 208 यात्री कोच में कुल 1664 बेड यानी प्रति कोच 8 बर्थ उपलब्ध होंगे। समस्तीपुर मंडल के 55 कोच में प्रत्येक कोच में आठ आइसोलेशन वार्ड बने हैं। साथ हीं इसमें एक चिकित्सक केबिन भी बनाया गया है। वहीं सभी कोच में इलेक्ट्रिक बोर्ड, मोबाइल चार्जिग, वाटर बोटल होल्डर एवं मच्छरदानी की सुविधा भी दी गई है।
कोचिंग डिपो प्रभारी संतोष बने कोरोना योद्धा, डीआरएम ने दी बधाई
एसएसई (कैरेज एंड वैगन) दरभंगा के एसएसई संतोष कुमार को शुक्रवार का कोरोना योद्धा चुना गया है। श्री कुमार दरभंगा कोचिंग डिपो के प्रभारी के रूप में पदस्थापित हैं। यहां इन्होंने रेलवे के पुराने कोचों को कोरोना मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड के रूप में परिणत करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होनें आइसोलेशन कोच में सुविधाएं यथा मच्छरदानी, ऑक्सीजन सिलेंडर हेतु ब्राइकेट, शौचालय को बाथरूम में परिणत करने आदि कार्यो में अपने उत्तम बौद्धिक कौशल का परिचय देते हुए कम जगह में भी ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं प्रदान की। आइसोलेशन कोचों के निर्माण कार्य में कोचिंग डिपो में उपलब्ध संसाधनों का ही प्रयोग किया। जो आर्थिक दृष्टि से भी रेलवे के लिए हितकारी सिद्ध हुई। मंडल रेल प्रबंधक अशोक माहेश्वरी ने संतोष को कोरोना योद्धा चुने जाने पर बधाई दी है।