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तीन गांवों के 2500 मतदाताओं ने गंवाये लोकतंत्र के सुनहरे अवसर

पीपरा ठठवा व बैरिया के ग्रामीणों ने पुल सड़क व बूथ की दूरी को बनाया मुद्दा। अधिकारियों के समझाने के बाद भी मतदान केंद्र पर नहीं पहुंचे एक भी मतदाता।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 13 May 2019 05:25 PM (IST)Updated: Mon, 13 May 2019 05:25 PM (IST)
तीन गांवों के 2500 मतदाताओं ने गंवाये लोकतंत्र के सुनहरे अवसर
तीन गांवों के 2500 मतदाताओं ने गंवाये लोकतंत्र के सुनहरे अवसर

पश्चिम चंपारण, जेएनएन। वाल्मीकिनगर संसदीय क्षेत्र अंतर्गत नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र के तीन गांव के लोग लोकतंत्र के मेला में शामिल नहीं हो सके। ठठवा गांव के बूथ संख्या 68 और पीपरा गांव के बूथ संख्या 171 के मतदाताओं ने पुल और सड़क के मुद्दे पर मतदान केंद्र को सूना बना दिया। वहीं रखहीं चंपापुर के बैरिया गांव में बूथ नहीं बनाए जाने और करीब आठ किलोमीटर दूर बूथ होने के कारण वोट देने से इंकार कर लोकतंत्र को मजबूत बनाने में पीछे रहे। डीआईजी ललन मोहन प्रसाद, एसपी जयंतकांत, एसडीएम चंदन चौहान, एसडीपीओ नेसार अहमद, अनुमंडल कल्याण पदाधिकारी दिनेश कुमार, बीडीओ निभा कुमारी समेत कई अधिकारियों के समझाने-बुझाने का भी उनपर कोई असर नहीं पड़ा।

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  ठठवा के ग्रामीण रामाशंकर प्रसाद, मोहर्रम गद्दी, इलियास गद्दी, फैयाद गद्दी, शकील अंसारी, क्यूम अंसारी, नेजामुल गद्दी, शिवशंकर प्रसाद आदि ग्रामीणों का कहना है कि रोहुआ नाला और बिरहा नदी से गांव घिरा हुआ है। बरसात में गांव से निकलना मुश्किल होता है। यहां तक की नदी उस पार कब्रिस्तान में शव दफनाने के लिए बरसात के दिनों में बीस से पचीस किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर जानी पड़ती है। सड़क की भी वहीं बदतर स्थिति है। ऐसी व्यवस्था पर संज्ञान लेने के लिए वोट करने में लोगों ने रुचि नहीं दिखाई।

  उधर पीपरा बूथ संख्या 171 से जुड़े करीब आठ सौ मतदाताओं को सड़क, सिंचाई जैसी मूलभूत समस्याओं को लेकर नराज रहे। अधिकारियों द्वारा बैठक कर समझाने का काफी प्रयास किया गया। बावजूद इसके यहां के भी लोगों ने मतदान नहीं किया। मतदान केंद्रों पर भी वीरानगी पसरी रही। बैरिया के ग्रामीण काशिम मियां, रेयाज मियां, मदन महतो, ललन साह, प्रभु साह, जगन्नाथ महतो, विनोद महतो, गोरख महतो, संतोष महतो, बैतुल्लाह मियां आदि का कहना है कि वहां के मतदाताओं को मोतिहारी गांव स्थित बूथ संख्या 79 और 80 पर मतदान करने जाना पड़ता है। इस तरह तीनों गांवों में कुल करीब 32 सौ मतदाताओं ने इस लोकसभा चुनाव में वोट का बहिष्कार किया है। 

समपार फाटक के नाम पर मतदान से दूर रहे लक्षनौता के ग्रामीण

साठी थाना क्षेत्र के बौद्ध टोला लक्षनौता के मतदाताओं ने रविवार को आंदोलन की बलिबेदी पर लोकतंत्र के महापर्व तक को चढ़ा दिया है। अपनी मांगों के लिए मतदाताओं ने मतदान को सिरे से नकार दिया। बूथ संख्या 65 के मतदाता रेलवे समपार फाटक नहीं तो वोट नहीं किया। आलम यह कि अपर समाहर्ता हरिनारायण पासवान व थानाध्यक्ष राजकुमार मिश्र की तमाम कोशिश के बाद भी वोटर नहीं माने और मतदान केंद्र दिनभर सूना पड़ा रहा।

 यही नहीं स्थानीय विधायक विनय बिहारी भी मौके पर पहुंचे और मतदाताओं को मनाने का काफी प्रयास किया। मगर, कोई वोटर वोट करने को तैयार नहीं हुआ। इस बार यहां के मतदाताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान वोट बहिष्कार करने का ऐलान किया था। लेकिन, शासन प्रशासन की ओर से समय रहते कारगर प्रयास नहीं किया गया। नतीजा यह रहा कि लोगों ने वोट देने के लिए बूथ पर नहीं पहुंचे। 

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