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Coronavirus Muzaffarpur Update: मुजफ्फरपुर में 25 लोगों ने जीती कोरोना से जंग, भेजे गए घर

Coronavirus Muzaffarpur News Update ठीक हुए लोगों को 10 दिनों तक होम क्वारंटाइन पर भी रहने की दी गई सलाह। अबतक कुल 126 केस ठीक हुए 76 मरीज।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 10:51 AM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 10:51 AM (IST)
Coronavirus Muzaffarpur Update: मुजफ्फरपुर में 25 लोगों ने जीती कोरोना से जंग, भेजे गए घर

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले में अब तक 126 कोरोना पॉजिटिव में 76 लोगों ने जंग जीत ली है। गुरुवार को कोविड केयर सेंटर में भर्ती 25 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं, कटरा के पॉजिटिव की मृत्यु सदर अस्पताल परिसर में हुई थी। इलाज के दौरान उसके संपर्क में आने वाले सदर अस्पताल के स्वास्थ्य कíमयों का अब तक नमूना संग्रहित नहीं हो सका है। इससे वहां संक्रमण फैलने की आशंका बनी है।

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 सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह ने बताया कि संक्रमित के इलाज के दौरान चिकित्सकों और कíमयों ने पूरी सतर्कता बरती थी। पीपी किट का उपयोग करते हुए ही उसका इलाज किया गया था। इसके बाद भी सुरक्षा कारणों से अस्पताल प्रबंधक को नोटिस जारी किया गया है कि वह सबकी सूची बनाकर जांच करा लें। सीएस ने कहा कि वैसे अब तक संक्रमित के इलाज के दौरान जो भी चिकित्सक व कर्मी रहे हैं उसमें किसी में कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं। सतर्कता के लिए इन सभी के नमूने लिए जाएंगे।

 जानकारी के अनुसार पांच जून को संक्रमित कटरा से सदर अस्पताल में आया था। इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी। इसके बाद अस्पताल में भी अफरातफरी का माहौल हो गया था। शव को अस्पताल में ही छोड़कर स्वजन भाग निकले थे। बाद में प्रशासन की देखरेख में शव का अंतिम संस्कार किया गया। इधर कोविड सेंटर से 25 लोग स्वस्थ होकर वापस अपने घर भेजे गए हैं। इन सभी को फूल देकर विदा किया गया। साथ ही 10 दिनों तक अपने घर पर ही होम क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी गई है।

कोरोना से बढ़ रहे मूड डिस्ऑर्डर के मरीज

कोरोना वायरस के संक्रमण से मूड डिस्ऑर्डर के मरीज भी बढ़ते जा रहे हैं। सदर अस्पताल से लेकर निजी क्लीनिकों में आए दिन इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। किसी को लगातार हाथ धोने से कोरोना फोबिया हो गया है तो किसी को छींक आते ही डर सताने लगता है। ऐसे कई मरीज मनोचिकित्सक के पास पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों के मुताबिक समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें सच बर्दाश्त करने की क्षमता नहीं होती।

 इससे उन्हें साइकोटिक या फिर मूड डिस्ऑर्डर हो जाता है। मनोरोग विशेषज्ञ डॉ.अमर कुमार झा बताते हैं कि ऐसे मरीजों को बीमारी की दवा के साथ-साथ तनाव कम करने वाली एक दवा भी दी जानी चाहिए। साथ ही लोगों को सकारात्मक सोच रखनी होगी। इससे बचने के लिए लोगों को चाहिए कि वे दवा के साथ-साथ नियमित योग व प्राणायाम भी करें।


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