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हत्या मामले में फरार दरभंगा के पूर्व डीएसपी पर कसा शिकंजा

वर्ष 2003 में पटना के कोतवाली थाना में दर्ज हुई थी प्राथमिकीडीएसपी पर गैर जमानतीय वारंट। पूर्व डीएसपी अरशद जमां ने एक जनवरी से 29 जून 2013 तक उपार्जित अवकाश के बाद नहीं दिया योगदान। कार्रवाई में जुटी संचालन समिति के पास सात दिनों में उपस्थित होना पड़ेगा।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 08:27 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 08:27 AM (IST)
हत्या मामले में फरार दरभंगा के पूर्व डीएसपी पर कसा शिकंजा
नौ जुलाई 2021 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति ने माना कि अरशद जमां हत्या के आरोपित हैं।

दरभंगा, जासं। पटना में हुई हत्या के एक मामले में फरार दरभंगा के पूर्व मुख्यालय डीएसपी अरशद जमां पर विभाग ने शिकंजा कस दिया है। कार्रवाई में जुटी संचालन समिति के पास सात दिनों में उपस्थित होना पड़ेगा। कार्यवाही संचालन के लिए पुलिस महानिरीक्षक आधुनिकीकरण केएस अनुपम को अधिकृत किया गया है। दरभंगा से एक जनवरी से 29 जून 2013 तक उपार्जित अवकाश लेकर फरार डीएसपी पर कड़ी कार्रवाई के संकेत हैं। पुलिस मुख्यालय से निर्गत पत्र में बताया गया कि आठ नवंबर 2003 को पटना के कोतवाली थाने में दर्ज हत्या की प्राथमिकी (503/2003) में अरशद जमां अप्राथमिकी आरोपित हैं। विधि विभाग ने अभियोजन भी स्वीकृत किया है। 30 जनवरी 2014 को संबंधित न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया जा चुका है। डीएसपी पर गैरजमानतीय वारंट निर्गत है। दरभंगा पदस्थापन के दौरान 180 दिनों का उपार्जित अवकाश लिया। अवकाश समाप्ति के बाद योगदान नहीं दिया। 29 जून 2013 को तबादला दरभंगा से डेहरी-ऑन-सोन एसडीपीओ पद पर किया गया। मगर योगदान नहीं दिया। फिर 15 फरवरी 2014 को विद्युत निगरानी कोषांग में तबादला किया गया। जहां योगदान नहीं दिया। दो बार विज्ञापन से जानकारी दी गई। फिर भी योगदान देना उचित नहीं समझा। इस बीच उन्होंने 25 सितंबर 2020 को चिकित्सकीय अवकाश के विस्तार के लिए आवेदन दिया, लेकिन पुलिस मुख्यालय ने अस्वीकृत कर दिया। इसके बाद अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान किए जाने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने समिति गठित कर दी। नौ जुलाई 2021 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति ने माना कि अरशद जमां हत्या के आरोपित हैं। 

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50 हजार की धोखाधड़ी मामले में आरोपित गिरफ्तार

जासं, मुजफ्फरपुर : पुलिसकर्मी से धोखाधड़ी कर 50 हजार रुपये गबन करने के मामले में फरार आरोपित पंकज कुमार प्रभाकर को ब्रह्मपुरा थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसे न्यायिक हिरासत में भेजने की कवायद की जा रही है। बता दें कि एएसपी अभियान के यहां तैनात मनीष कुमार ने मई महीने में धोखाधड़ी कर राशि गबन करने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कहा था कि नवंबर 2019 से लेकर जनवरी 2020 के बीच आरोपित द्वारा निजी जरूरत बताकर 70 हजार रुपये कर्ज लिया गया। समय पर राशि वापस नहीं की गई। गत साल नवंबर में किसी तरह 20 हजार रुपये दिया। शेष 50 हजार रुपये देने में टालमटोल करने लगा। काफी जरूरी बताने पर आरोपित ने 50 हजार का चेक दिया, लेकिन खाते में पर्याप्त राशि नहीं होने से बैंक से चेक बाउंस हो गया। इसके बाद पीडि़त ने थाने की शरण ली। जांच में आरोप सत्य पाए जाने के बाद पुलिस ने आरोपित की तलाश में थी।  


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