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Third wave of corona in india: मुजफ्फरपुर के पदाधिकारियों और कर्मियों के मुख्यालय से बाहर जाने पर रोक

Third wave of corona in india डीएम प्रणव कुमार ने आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कभी भी सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों की जरूरत पड़ सकती है। इसे देखते हुए सभी कर्मचारी और पदाधिकारी मुख्यालय में ही बने रहेंगे।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 07:27 AM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 07:27 AM (IST)
Third wave of corona in india: मुजफ्फरपुर के पदाधिकारियों और कर्मियों के मुख्यालय से बाहर जाने पर रोक
इमरजेंसी की स्थिति में अनुमति लेकर ही मुख्यालय छोड़ सकेंगे। फोटो: जागरण

मुजफ्फरपुर, जासं। जिले में कोरोना की गंभीर स्थिति को देखते हुए पदाधिकारियों और कर्मचारियों के मुख्यालय छोडऩे पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में डीएम प्रणव कुमार ने आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कभी भी सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों की जरूरत पड़ सकती है। इसे देखते हुए सभी कर्मचारी और पदाधिकारी मुख्यालय में ही बने रहेंगे। इमरजेंसी की स्थिति में अनुमति लेकर ही मुख्यालय छोड़ सकेंगे। डीएम ने जारी आदेश में कहा है कि मुख्यालय में उपस्थित नहीं पाए जाने वाले कर्मचारियों और पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। मालूम हो कि राज्य में लॉकडाउन की घोषणा के बाद इमरजेंसी सेवा को छोड़कर अन्य कार्यालय बंद कर दिए गए हैं। ऐसे में कार्यालय कर्मी एवं पदाधिकारी के मुख्यालय छोडऩे की संभावना को देखते हुए यह आदेश जारी किया गया है। 

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सर्दी-बुखार की भी दवा नहीं

गायघाट : प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आवश्यक दवाओं का अभाव है। कोरोना के कहर के बीच आमदिनों में मिलने वाली सर्दी- बुखार की दवा भी यहां नहीं है। स्वास्थ्य प्रबंधक व चिकित्सक इस संदर्भ में स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं। एंटीबायोटिक सूई व टेबलेट- कैप्सूल का भी अभाव है। पारासिटामोल 650 एमजी नगण्य है। वाटर फॉर इंजेक्शन भी नहीं है। मरीजों को चिकित्सकों के परामर्श के अनुसार एंटीबायोटिक दिया जाना है, लेकिन इसके बदले दूसरे ग्रुप का एंटीबायोटिक देकर काम चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य प्रबंधक उबैद अंसारी ने बताया कि आवश्यक दवाओं के लिए जिला मुख्यालय को सूचना दी गई है। इधर, प्रखंड मुख्यालय स्थित दवा दुकानों में भी आवश्यक दवाओं का मनमाना रेट लिया जा रहा है। ब्रांडेड कंपनी की एजिथरोमाइसिन मोंटिना-एल, पैरासिटामोल, विटामिन सी, जिंक बाजार से गायब है। जिन दुकानदारों के पास उपलब्ध है, वे मनमाने रेट पर बेच रहे हैं। सेफट्रेक्सोन, डेक्सोना जैसी जीवनरक्षक दवाएं नहीं मिल रहीं हैं। यही स्थिति रामनगर, भूसरा, बेनीबाद, जारंग, जांता, कांटा, सुस्ता आदि गांवों में है। 


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