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छात्रा की मौत पर मुआवजे को लेकर सड़क जाम, हंगामा

सदर थाना के बीबीगंज में सड़क दुर्घटना में घायल छात्रा की इलाज के दौरान सोमवार शाम मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार को शव लेकर पहुंचे ग्रामीणों ने पताही-रेवा रोड को जाम कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 01:09 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 01:09 AM (IST)
छात्रा की मौत पर मुआवजे को लेकर सड़क जाम, हंगामा
छात्रा की मौत पर मुआवजे को लेकर सड़क जाम, हंगामा

मुजफ्फरपुर : सदर थाना के बीबीगंज में सड़क दुर्घटना में घायल छात्रा की इलाज के दौरान सोमवार शाम मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार को शव लेकर पहुंचे ग्रामीणों ने पताही-रेवा रोड को जाम कर दिया। आगजनी कर हंगामा व प्रदर्शन करने लगे। मृतका की पहचान पताही रूप के मुनटून राम की पुत्री चंचल कुमारी (15) और जख्मी रंजन कुमार के रूप में हुई है।

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स्वजनों ने बताया कि चंचल 22 फरवरी को मैट्रिक परीक्षा देने रंजन के साथ साइकिल से बीबीगंज स्थित केंद्र पर जा रही थी। इसी दौरान एक तेज रफ्तार बाइक सवार ने उसकी साइकिल में टक्कर मार दी। नौ दिनों तक इलाज चलने के बाद आखिरकार चंचल ने दम तोड़ दिया।

सड़क जाम की सूचना पर सदर थाना से दारोगा हरेराम पासवान दलबल के साथ पहुंचे। उग्र लोगों को समझाकर शांत कराया। बीडीओ के पहुंचने पर चार लाख रुपये का चेक पीड़ित परिवार को दिया गया। इसके बाद लोगों का आक्रोश शांत हुआ और शव को दाह-संस्कार के लिए ले गए।

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बहन की विदाई करा गई थी परीक्षा देने : स्थानीय पंचायत समिति कमलेश पासवान ने बताया कि 21 फरवरी को चंचल की बड़ी बहन की शादी थी। इसके अगले दिन उसकी विदाई के बाद वह परीक्षा देने गई थी। हादसे में जख्मी होने के बाद निजी अस्पताल में उसका इलाज कराया गया। इसके बाद वह परीक्षा केंद्र पर पहुंची। उस समय स्थिति ठीक लग रही थी। शाम को वहां से लौटने के बाद पैर में दर्द होने की बात कही। उसे जूरन छपरा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। दो दिनों तक इलाजरत रहने के बाद स्वजन घर लेकर चले गए।

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पेट में दर्द होने पर फिर कराया भर्ती : पंचायत समिति ने बताया कि 28 फरवरी को फिर से छात्रा ने पेट में दर्द होने की शिकायत की। उसे बैरिया स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। एक मार्च को डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया। एसकेएमसीएच में लेकर गए तो वहां आइसीयू में भर्ती किया गया। शाम में उसकी मौत हो गई।

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घर-घर जाकर इलाज को जमा किए पैसे : बताया गया कि छात्रा के पिता की आर्थिक स्थिति कमजोर है। इलाज कराने के लिए भी पैसा नहीं था। इस पर पंचायत समिति समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने अपने स्तर से गांव में घर-घर जाकर चंदा जमा किया। इसी पैसे से छात्रा का इलाज संभव हुआ।

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