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Madhubani : एक साल से बन कर तैयार है ट्रामा सेंटर, लोगों को नहीं मिल रहा लाभ

Madhubani News अड़रिया संग्राम स्थित ट्रामा सेंटर में दस जीएनएम व एक चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति जिला स्तर पर की गई है जो नाकाफी है। इन स्वास्थ्य कर्मियों के बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। ट्रामा सेंटर में आधारभूत संरचना का घोर अभाव है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 01:05 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 01:05 PM (IST)
Madhubani : एक साल से बन कर तैयार है ट्रामा सेंटर, लोगों को नहीं मिल रहा लाभ
ट्रामा सेंटर के लिए झंझारपुर पीएचसी में योगदान करतींं एएनएम । जागरण

मधुबनी, जासं । झंझारपुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में अड़रिया संग्राम में इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग ने भवन का निर्माण कराया था। सरकार ने इस भवन को हाल ही में एल थ्री स्तरीय ट्रामा सेंटर के रूप में तब्दील कर दिया, लेकिन अब तक इस ट्रामा सेंटर का लाभ लोगों को मिल नहीं रहा है। सेंटर में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही आधारभूत संरचना का भी अभाव है। सरकार की सक्रियता से इस ट्रामा सेंटर के लिए विभिन्न कोटि के 73 पदों का सृजन किया गया।

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सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव डॉ. राजीव कुमार ने इस आशय का पत्र जनवरी 2020 में ही महालेखाकर को समर्पित किया, लेकिन इसके एक साल से अधिक बीत जाने के बावजूद सृजित पद के एवज में एक भी कर्मी व चिकित्सक का विभाग ने पदस्थापन नहीं किया है। हालांकि, जिला स्वास्थ्य विभाग येन-केन प्रकारेण इस ट्रामा सेंटर को चालू कराने की कवायद में लगा है। डीएम के आदेश पर सिविल सर्जन ने यहां दस जीएनएम यानी ग्रेड ए परिचारिका एवं सामान्य चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति की है। अनुमंडलीय अस्पताल बेनीपट्टी में कार्यरत मांडवी कुमारी, अनीता कुमारी एक एवं अनीता कुमारी दो, आशा कुमारी, नीतू पटेल, कुमारी विनीता, श्रवणा कुमारी, रीना कुमारी, पार्वती कुमारी एवं शिवानी प्रकाश को यहां प्रतिनियुक्ति का आदेश दिया गया है। सोमवार को इनमें से छह ने योगदान भी कर दिया है। यह योगदान पीएचसी झंझारपुर में दिया गया है। वर्तमान में ट्रामा सेंटर पीएचसी, झंझारपुर के अधीन ही काम करेगा।

सदर अस्पताल मधुबनी के चिकित्सक डाॅ. उमेश कुमार राय को भी यहां प्रतिनियुक्त किया गया है। उन्हें सप्ताह में एक दिन मधुबनी सदर अस्पताल में भी काम करने का आदेश है। अब सवाल उठता है कि क्या ट्रामा सेंटर एक चिकित्सक एवं दस जीएनएम की बदौलत संचालित हो पाएगा। ट्रामा सेंटर का सिर्फ मकान बना हुआ है। अंदर रोगियों की सुविधा के लिए कोई आधारभूत संरचना नहीं है। पीएचीसी झंझारपुर से एक टेबल और छह कुर्सियां भेजी गई है। आखिर 11 प्रतिनियुक्त कर्मी बैठेंगे कहां, यह भी वर्तमान में उहापोह में है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मुकेश कुमार ने कहा कि जिला को सारी वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही यहां सारी व्यवस्थाएं दुरूस्त हाे जाएगी।


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