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मधुबनी के मखाना प्रोसेसिंग यूनिट पर ताला, उत्पादकों की उम्मीदों पर ग्रहण

Madhubani News वर्ष 2008 में 32 लाख की लागत से तत्कालीन सहकारिता मंत्री गिरिराज सिंह व तत्कालीन आपदा प्रबंधन मंत्री नीतीश मिश्रा ने किया था उदघाटन। यूनिट बंद होने से मखाना किसानों में निराशा स्थापना के उद्देश्य भी नहीं हुए पूरे।

By Murari KumarEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 04:17 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 04:17 PM (IST)
मधुबनी के मखाना प्रोसेसिंग यूनिट पर ताला, उत्पादकों की उम्मीदों पर ग्रहण
मधुबनी में स्‍थ‍ित बंद मखाना प्रोसेस‍िंग यून‍िट

मधुबनी [कपिलेश्वर साह]। सूखा मेवा के रूप में विश्व प्रसिद्ध मखाना को भारत सरकार जीआई टैंगिंग की घोषणा कर चुकी है। राज्य स्तर पर इसकी प्रक्रिया भी शुरू है। वहीं, झंझारपुर के मखाना प्रोसेसिंग यूनिट पर एक दशक से ताला जड़ा है। मखाना प्रोसेसिंग यूनिट के प्रति शासन-प्रशासन की उदासीनता से सवाल उठ रहे हैं। वर्ष 2008 के दिसंबर में करीब 32 लाख की लागत से मखाना प्रोसेसिंग यूनिट का उद्घाटन तत्कालीन सहकारिता मंत्री गिरिराज सिंह व तत्कालीन आपदा प्रबंधन मंत्री नीतीश मिश्रा ने संयुक्त रूप से किया था।

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बिजली उत्पादन पर भी ग्रहण 

जिले में व्यापक स्तर पर उत्पादित मखाना की खेती व इसके कारोबार को प्रोत्साहित करने और उत्पादकों को उपज का उचित मूल्य का लाभ सुनिश्चित कराने के लिए झंझारपुर में मखाना प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की गई थी। सालों से ताला जड़ा रहने के कारण इसके लाखों की मशीन बेकार हो गए हैं। इस यूनिट में नियमित रूप से बिजली आपूर्ति के लिए गैसीफायर यूनिट लगाई गई थी। मगर, मखाना प्रोसेसिंग यूनिट ठप रहने से बिजली उत्पादन की योजना पर भी ग्रहण लग गया।

मखाना चिप्स, खीर पावडर सहित पैकेट बंद खाद्य वस्तुएं तैयार करने की थी व्यवस्था 

झंझारपुर के कन्हौली स्थित व्यापार मंडल सहायोग समिति लिमिटेड की जमीन पर मखाना प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना करने के पीछे कई उद्देश्य थे। मखाना फल से लावा तैयार कर उससे चिप्स, खीर का पावडर सहित अन्य पैकेट बंद खाद्य वस्तुओं स्थानीय बाजार से लेकर महानगरों तक आपूर्ति करने की योजना बनाई गई थी। यूनिट स्थापना के बाद करीब छह माह तक यूनिट कार्य करने के बाद ठप पड़ गया।

प्रोसेसिंग यूनिट से उत्पादकों में जगी थी उम्मीद :

मखाना प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना से मखाना उत्पादकों में बड़ी उम्मीद जगी थी। यूनिट के संचालन से मखाना उत्पादकों को अपने मखाना फल की बिक्री में काफी लाभ मिलता। यूनिट चलने से कम मूल्य पर मखाना फल की खरीदारी करने वाले इसके बड़े कारोबारियों से छुटकारा मिलता। मखाना किसान झड़ी लाल सहनी, लाल बहादुर सहनी, चंद्र मोहन सहनी, सुबध मुखिया, चंद्रशेखर मुखिया, मंगल सहनी, किशन सहनी, सुधीर सहनी, लक्ष्मण सहनी आदि ने बताया कि झंझारपुर की मखाना प्रोसेसिंग यूनिट को बंद होने से फल से मखाना लावा तैयार करने जैसे कठिन कार्य से छुटकारा नहीं मिल रहा है।

प्रखंड सहकारिता विभाग की उदासीनता उजागर

व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजाराम यादव ने बताया कि व्यापार मंडल के तहत मखाना प्रोसेसिंग यूनिट को शुरू करने में प्रखंड सहकारिता विभाग की उदासीनता सामने आती रही है। यूनिट के उपकरण की गड़बड़ी को दूरकर इसे फिर से चालू किया जा सकता है।


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