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समस्तीपुर के मुक्तापुर रामेश्वर जूट मिल में फिर लटका ताला

तीन हजार मजदूरों के समक्ष रोजगार का संकट। प्रबंधन ने रॉ मैटेरियल की कमी का हवाला देते हुए बंदी का नोटिस चस्पा दिया है। बताया गया कि ट्रक हड़ताल की वजह से कच्चा माल नहीं पहुंचने पर ऐसी परेशानी हुई।

By Ajit kumarEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 08:59 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 08:59 AM (IST)
समस्तीपुर के मुक्तापुर रामेश्वर जूट मिल में फिर लटका ताला
मिल में रोज छह हजार बेल जूट बैग का उत्पादन हो रहा था। फोटो: जागरण

समस्तीपुर, जासं। मुक्तापुर स्थित उत्तर बिहार की इकलौती रामेश्वर जूट मिल को फिर बंद कर दिया गया। सोमवार से काम बंद है। इससे तीन हजार मजदूरों के समक्ष संकट खड़ा हो गया है। प्रबंधन ने रॉ मैटेरियल की कमी का हवाला देते हुए बंदी का नोटिस चस्पा दिया है। बताया गया कि ट्रक हड़ताल की वजह से कच्चा माल नहीं पहुंचने पर ऐसी परेशानी हुई। जानकारों के अनुसार, लगातार मांग में कमी के कारण प्रबंधन बंद करने की कोशिश में था। सर्वाधिक ऑर्डर एसएफसी से मिलता था। लेकिन, इसका अनुबंध भी दिसंबर में खत्म हो गया। 

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कई जिलों के किसान प्रभावित

इस मिल के भरोसे पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, मधेपुरा, सहरसा और कटिहार के किसान पटसन की खेती करते हैं। यदि मिल चालू नहीं हुई तो पटसन की खेती प्रभावित होगी। मिल में रोज छह हजार बेल जूट बैग का उत्पादन हो रहा था। अकेले राज्य खाद्य निगम की मांग साठ हजार बेल सलाना की थी। एक बेल में पांच सौ बोरेे होते हैं।

अगलगी से भी भारी क्षति

पिछले पांच साल में तीन बार आग लगने से करोड़ों की क्षति हुई। इसके अलावा बिहार राज्य खाद्य निगम के यहां करोड़ों बकाया है। रोज 80 मीट्रिक टन बोरा बनाने की क्षमता है। मगर जर्जर वित्तीय हालत से बाधा थी।

बीते साल चालू हुई थी मिल

मिल 6 जुलाई 2017 से बंद थी। स्थानीय सांसद प्रिंस राज और पूर्व मंत्री महेश्वर हजारी ने 13 सितंबर 2020 को चालू कराया था। लेकिन, चार महीने बाद फिर बंद हो गई।

1926 में खुली थी मिल

समस्तीपुर शहर से दो किमी दूर मुक्तापुर में 84 एकड़ में रामेश्वर जूट मिल है। दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह ने पिता रामेश्वर सिंह के नाम पर 1926 में स्थापना की थी। 1954 तक दरभंगा महाराज ने चलाया। इसके बाद वर्ष 1976 तक मेसर्स बिड़ला ब्रदर्स ने चलाया। 1976 में एमपी बिड़ला ने अधिग्रहण कर लिया। 1986 से मिल का स्वामित्व विल्सम इंडिया के पास है। 125 करोड़ का सालाना कारोबार होता था। रामेश्वर जूट मिल के अध्यक्ष टीएन सिंह ने कहा कि ट्रांसपोर्ट हड़ताल के कारण कच्चे माल की सप्लाई बंद हो गई। इस वजह से बंद करना पड़ा। जल्द चालू कराने का प्रयास जारी है। उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयासरत हूं।


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