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पश्चिम चंपारण: तीन विधानसभा को जोड़ने वाला पुल अठारह महीने से बनकर तैयार, नहीं बना एप्रोच पथ

West Champaran News जिले के दो लोकसभा तीन विधानसभा व तीन पंचायतों को जोडऩे वाला त्रिमुहान घाट पुल बनकर तैयार है। लेकिन पुल के दोनों तरफ पहुंच पथ का निर्माण नहीं हो सका। जिससे परेशानी बरकरार है। जानिए

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 05:28 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 05:28 PM (IST)
पश्चिम चंपारण: तीन विधानसभा को जोड़ने वाला पुल अठारह महीने से बनकर तैयार, नहीं बना एप्रोच पथ
त्रिमुहान घाट पर बना पुल वर्षों से कर रहा पहुंच पथ निर्माण का इंतजार

पश्चिम चंपारण, जेएनएन। दो लोकसभा, तीन विधानसभा व तीन पंचायतों को जोडऩे वाला त्रिमुहान घाट पुल बनकर तैयार है। इसे संवेदक निर्धारित अठारह महीने में निर्माण कार्य पूरा कर दिया, लेकिन पुल के दोनों तरफ पहुंच पथ का निर्माण नहीं हो सका। जिससे परेशानी बरकरार है। सबसे अधिक कठिनाई किसानों को है। पहुंच पथ के अभाव में गन्ना किसान अपने गन्ना घोघा व चनपटिया के रास्ते तीस किलोमीटर अधिक दूरी तय कर हरिनगर, लौरिया चीनी मीलों तक ले जाने को मजबूर है।

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 इस पुल का शिलान्यास 2013 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रिमोट से किया था। उसके बाद छह साल बीत गए, लेकिन पहुंच पथ नही बना। जो अपने आप में बड़ा मुद्दा है। पहुंच पथ निर्माण के लिए इलाके के लोग मांगे उठते रहे। सब बेअसर रहा। हालांकि लोगों के मांग के आलोक में तत्कालीन डीएम डॉ. निलेश रामचन्द्र देवरे ने अंचल कार्यालय में पहुंच पथ निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि की समस्याओं का निष्पादन को लेकर भूस्वामियों से रूबरू भी हुए थे। इसके बाद सीमांकन कराकर पीलरिंग कराने का निर्देश भी दिया था। भूमि की पैमाइश भी की गई थी। इसके बाद पटना के इंस्टीट््यूट ऑफ सोशल स्टडीज के परियोजना निदेशक प्रोफेसर ब्रजदेव नारायण प्रसाद, रिसर्च ऑफिसर महम्मद सदरूद्दीन व एएन सिंह  ने सिंहपुर हाई स्कूल में भूस्वामियों व ग्रामीणों से भूमि से संबंधित जानकारी ली। बावजूद अभी तक पहुंच पथ का निर्माण नहीं हुआ। साथ ही अधिग्रहित भूमि की मुआवजा राशि भूस्वामियों को नहीं मिला।

 भूस्वामियों में मथुरा यादव, पुरूषोतम यादव, बाबूनंद महतो, राजू साह, नारायण भगत, झगरू पासवान, सत्येंद्र श्रीवास्तव, अशोक राम, मनोहर शर्मा आदि ने बताया कि पहुंच पथ में पडऩे वाली भूमि का सभी कागजात दुरुस्त कर भुगतान के लिए सरकारी महकमों का चक्कर लगाकर हार गए गए। पुल निर्माण संघर्ष समिति के राजू साह, राजहरण भगत, अशोक राम आदि ने बताया कि भू अर्जन विभाग की लापरवाही से अधिग्रहित भूमि के मुआवजे का भुगतान नही हो रहा है। पुल के पूरब 1050 मीटर व पश्चिम 1780 मीटर म़ें पहुंच पथ बनाने है। इस पर त्रिमुहान घाट के पूर्व घटवार अरूणोदय मिश्र के तरफ से पहले ब़ांस का चचरी बना कर पैदल, साइकिल व बाइक को पार कराया जाता था। लोगों की परेशानी को देख पुल निर्माण के संवेदक ने पुल के दोनों तरफ कुछ मिट्टी डालकर छोटे वाहनों को आने जाने का रास्ता तत्काल बनाया है। जिससे थोड़ी राहत मिली है। 


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