वीटीआर में हाथियों को दी गई दावत, परोसे गए मनपसंद भोजन WestChamparan News
वन प्रशासन ने वन्य जीवों के प्रति पेश की संवेदनशीलता की मिसाल। भोजन में गन्ना कद्दू कोहड़ा खीरा गुड़ तरबूज केला हरा चारा सेब सब्जियां व रोटी शामिल।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। वीटीआर प्रशासन ने हाथियों को दावत देकर एक नई परंपरा की शुरुआत की है। सालभर पूर्व यहां कर्नाटक से लाए गए चार हाथियों राजा, द्रोणा, नीलकंठा और बालाजी के लिए गुरुवार का दिन खास रहा। कालेश्वर स्थित हाथीशाला में सुबह से दावत की तैयारी थी। महावत से लेकर अधिकारी तक उत्साहित थे। थाल में मनसपसंद भोजन परोसे गए थे। इसमें गन्ना, कद्दू, कोहड़ा, खीरा, गुड़, तरबूज, केला, हरा चारा, सेब, सब्जियां व रोटी शामिल थी। इसे देख चारों हाथी मानो महावत से लिपटते जा रहे थे। हाथियों ने छककर खाया। दावत का शुभारंभ व्यंजन खिलाकर किया गया। यह दृश्य काफी रोमांचक रहा।
अब तक मिल रहा था सामान्य भोजन
वीटीआर में पर्यटन सत्र समाप्त होने के बाद हाथी फिलहाल आराम फरमा रहे हैं। कर्नाटक से लाए जाने के बाद इन हाथियों को अबतक सामान्य भोजन ही दिया गया था। जैव विविधताओं से परिपूर्ण वीटीआर की हसीन वादियां और यहां मौजूद पोषक तत्वों से भरपूर भोजन हाथियों को खूब रास आया। सेशन समाप्ति के बाद वीटीआर प्रशासन ने हाथियों को दावत देने का निर्णय लिया। इसके लिए गुरुवार का दिन तय किया गया।
सालभर बाद दी गई दावत
हाथी सफारी के लिए राज्य सरकार की पहल पर बीते वर्ष कर्नाटक से चार प्रशिक्षित हाथी यहां लाए गए थे। बीते वाल्मीकिनगर दौरे के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कालेश्वर में बनी हाथीशाला में आकर हाथियों को केला खिलाया। इस दौरान मणिकंठा ने आशीर्वाद दिया था। मुख्यमंत्री ने वन अधिकारियों से हाथियों के भोजन की जानकारी ली। इसके बाद हाथियों की दावत की बात चली थी। हाथियों के आगमन के साथ उनका स्वागत किया गया, लेकिन दावत बाकी थी।
महावतों ने सिर पर लगाया शुद्ध सरसों तेल
दावत से पूर्व हाथियों को गंडक नदी में स्नान कराया गया। फिर महावतों ने उसके सिर पर सरसों तेल की मालिश की। इसके बाद पसंदीदा भोजन परोसा गया। इसके लिए पूर्व में मेन्यू तैयार कर लिया गया था।
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के समन्वयक कमलेश मौर्य ने कहा कि यहां के सभी हाथियों के बेहतर स्वास्थ्य और प्रबंधन में वीटीआर को हर संभव मदद मिलेगी। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के पालतू हाथियों के स्वास्थ्य परीक्षण के समापन पर हाथियों को पार्क प्रशासन की तरफ से भव्य दावत दी गई है। वहीं, असम के डॉ. परीक्षित के साथ टीम ने हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया।
इस बारे में डीएफओ गौरव ओझा ने कहा कि हाथियों की दावत की परंपरा इस वर्ष से शुरू की गई है। वीटीआर प्रशासन के लिए यह केवल दावत नहीं, बल्कि यह हाथियों के प्रति हमारी संवेदनशीलता है। हमारे लिए हाथी केवल वन्यजीव नहीं, बल्कि परिवार का हिस्सा हैं। वाल्मीकिनगर रेंजर महेश प्रसाद सहित अन्य वनकर्मियों की मौजूदगी में दावत दी गई।