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खंडहर बना 'सपनों का घर', अब दबंगों का कब्जा, कई तरह के होते गैरकानूनी कार्य

कांटी के दामोदरपुर में बनी आवास बोर्ड कॉलोनी के मकानों का पूरा नहीं हुआ आवंटन। अपराधी प्रवृति के लोगों का बना ठिकाना। कई बार पुलिस कर चुकी छापेमारी ।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 16 May 2019 03:32 PM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 03:32 PM (IST)
खंडहर बना 'सपनों का घर', अब दबंगों का कब्जा, कई तरह के होते गैरकानूनी कार्य
खंडहर बना 'सपनों का घर', अब दबंगों का कब्जा, कई तरह के होते गैरकानूनी कार्य

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शहरी क्षेत्र के लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए कांटी के दामोदरपुर में आवास बोर्ड कॉलोनी की स्थापना की गई। लेकिन, इनका पूरा आवंटन नहीं किया गया। कुछ मकानों और भूखंडों को छोड़कर शेष का आवंटन 2006 से ही बंद है। अब ये देखरेख और मरम्मत के अभाव में खंडहर हो गए। असामाजिक तत्वों के अड्डे हो गए। कई तरह के गैरकानूनी कार्य होने लगे। दबंगों का कब्जा भी हो गया।

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बोर्ड का नहीं है ध्यान

कब्जा करनेवालों में कुछ रसूखदार भी शामिल हैं। इनके आगे बोर्ड भी नतमस्तक है। कई बार पुलिस छापेमारी कर चुकी, लेकिन इनसे आवास और भूखंड को मुक्त नहीं करा सकी। इसके बाद पुलिस का भी ध्यान खत्म हो गया।

बरती जा रही लापरवाही

इन मकानों के निर्माण के दो दशक से ज्यादा हो गए। इनमें भी कई आधे-अधूरे ही बने। कई मकानों में दरवाजे-खिड़की तक नहीं लगे। इससे इनका आवंटन नहीं हो सका, लिहाजा उपेक्षित और जर्जर होते चले गए।

तीन ग्रुप के मकान

1. एमआइजी वर्ग : यहां तीन ग्रुप के मकान हैं। एमआइजी वर्ग में मकानों की संख्या 102 है। इनमें मात्र आठ का ही आवंटन हुआ है, शेष 94 मकानों पर कब्जा है।

2. एलआइजी वर्ग : एलआइजी वर्ग में मकानों की संख्या 93 है। इनमें 55 का आवंटन हुआ, 38 मकानों में लोग कब्जा कर रह रहे।

3. जनता वर्ग : इस वर्ग में 87 मकान हैं, जिनमें 55 आवंटित हैं, इस वर्ग के 32 मकानों पर अवैध कब्जा है।अवैध रूप से रहने वालों पर की गई कानूनी कार्रवाई: कार्यपालक अभियंता

कार्यपालक अभियंता विजय कुमार ने कहा कि मकानों में अवैध रूप से रहनेवालों पर कानूनी कार्रवाई की गई है। जन निजी भागीदारी योजना के तहत यहां आवासीय व व्यावसायिक मकानों का निर्माण होना है। इसे लेकर प्रयास किए जा रहे।

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