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पेयजल की व्यवस्था करने में नगर निगम को छूट रहा पसीना, पानी के लिए मचा हाहाकार

वर्तमान पेयजल संकट से निबटने के लिए नगर निगम के पास नहीं है कोई व्यवस्था। कठघरे में नगर निगम का वाटर मैनेजमेंट। पंप खराब होने पर खुलती है प्रशासन की नींद।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 01:02 PM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 01:02 PM (IST)
पेयजल की व्यवस्था करने में नगर निगम को छूट रहा पसीना, पानी के लिए मचा हाहाकार
पेयजल की व्यवस्था करने में नगर निगम को छूट रहा पसीना, पानी के लिए मचा हाहाकार

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। वर्तमान समय में शहरवासी पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। कड़ी धूप के बीच उन्हें पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। सार्वजनिक नलों पर पानी के लिए लंबी कतारें लग रही हैं। शहर के आधे दर्जन वार्डों में तो पानी के लिए हाहाकार ही मचा है। वार्ड 32, 46 एवं वार्ड 49 में पेयजल संकट से जूझ रहे लोगों में आक्रोश है। भूगर्भ जलस्तर में गिरावट के कारण लोगों के घरों में लगे मोटर व चापाकल जवाब दे रहे हैं। ऐसे में निगम के पंप भी लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने में विफल साबित हो रहे।

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स्लम क्षेत्रों में पानी के लिए मारामारी

शहर के तीन दर्जन स्लम क्षेत्रों में रहने वाले गरीब परिवारों को पानी के लिए मारामारी करनी पड़ती है। वहां तक निगम का पानी नहीं पहुंचता है। दो-चार चापाकलों पर पूरे बस्ती की प्यास बुझाने की जिम्मेवारी है। जलस्तर में गिरावट होने के कारण वहां लगे कई चापाकल भी सूख गए हैं। स्लम क्षेत्रों में चापाकलों पर सुबह से लेकर शाम तक पानी भरने वालों की लंबी कतारें लगी रहती हैं।

संकट से निबटने में विफल साबित हो रहा निगम

वर्तमान में शहर की आबादी पांच लाख के करीब है। उनके घरों तक पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। पर निगम की जलापूर्ति व्यवस्था बीमार है। यूं तो जलापूर्ति व्यवस्था के नाम पर निगम के पास 27 पंपिंग स्टेशन, 11 जल मीनार, 203 किमी लंबी भूमिगत पाइपलाइन, 454 स्टैंड पोस्ट हैं। लेकिन, हालात यह है कि गर्मी के आते ही एक-कर निगम के पंप खराब हो रहे हैं। जलमीनार सिर्फ देखने के लिए हैं।

  अधिकांश स्टैंड पोस्ट भूमिगत हो चुके हैं। पेयजल संकट से निबटने के लिए निगम के पास टैंकर से पानी पहुंचाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इसके पास न तो रिजर्व मोटर है न पंप। विशेषज्ञ अभियंताओं की भी कमी है। खराब पंपों की मरम्मत के लिए निगम के पास मिस्त्री भी नहीं है। सब कुछ भगवान भरोसे ही चल रहा है।

पानी के लिए नलों पर लग रहीं कतारें

पानी के लिए नलों पर लंबी कतारें लग रही हैं। नलों में पानी आते ही भरनेवालों में होड़ लग जाती है। सोमवार को भी ऐसा ही नजारा शहर के कई इलाकों में दिखा। पंखाटोली, जूरन छपरा, सिकंदरपुर, अखाड़ाघाट आदि स्थानों में भू-जलस्तर में गिरावट से इस समस्या गंभीर रूप ले रही है।

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