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Muzaffarpur : बुखार का इलाज @11 लाख, सुनकर झटका लगा, जानिए मरीज पर क्या गुजरी

जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी ने गठित की जांच टीम। सदर अस्पताल में चल रहा इलाज अब पूरी तरह स्वस्थ। पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में स्थित एक बड़े निजी अस्पताल में दो माह तक भर्ती कर इलाज व जांच की गई। वहां उसे कैंसर बताकर लाखो रुपये वसूल लिए।

By Ajit kumarEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 10:03 AM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 01:48 PM (IST)
Muzaffarpur : बुखार का इलाज @11 लाख, सुनकर झटका लगा, जानिए मरीज पर क्या गुजरी
टीम उसके घर पर जाकर पूरी रिपोर्ट जुटाएगी।

मुजफ्फरपुर, जासं : जिले में इलाज व्यवस्था का हाल बेहाल है। बुखार के इलाज में 11 लाख खर्च होने के बाद पता चला कि उसे कालाजार है। इलाज खर्च के आरोप की जांच को टीम का गठित की गई है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ.सतीश कुमार ने कहा कि एक मरीज ने बुखार के इलाज के नाम पर पटना व मुजफ्फरपुर में निजी अस्पतालों में 11 लाख खर्च करने की बात कही है। बाद में पीएमसीएच में जांच में कालाजार की पुष्टि हुई। उसका सदर अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। वह पूरी तरह स्वस्थ है। उसकी जांच के लिए एक टीम बनाई गई है। हकीकत की पड़ताल दो दिनों में होगी। टीम उसके घर पर जाकर पूरी रिपोर्ट जुटाएगी। 

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ये है मामला

जिला वेक्टर जनित रोग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बंदरा प्रखंड के रहने वाले 50 वर्षीय व्यक्ति को बुखार आना शुरू हुआ। कई दिनों तक बुखार आता रहा, लेकिन खोजी दस्ता ने उसकी सुध नहीं ली। स्थिति गंभीर होने पर स्वजनों ने उसे शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां स्थिति और बिगड़ती गई। इस पर उस पटना के एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में स्थित एक बड़े निजी अस्पताल में दो माह तक भर्ती कर इलाज व जांच की गई। वहां उसे कैंसर बताकर लाखो रुपये वसूल लिए गए। इस पर भी जब वह ठीक नहीं हुआ तो स्वजन उसे पीएमसीएच ले गए। वहां जांच में पता चला कि उसे कालाजार है। स्वजन उसे मुजफ्फरपुर लेकर आए और सदर अस्पताल में कालाजार प्रोट्रोकॉल के अनुसार इलाज किया गया। अब उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है। स्वजनों ने बताया कि कालाजार का पता चला है। इस बीच उसका 11 लाख तक खर्च हो गया है।

कालाजार खोज को चल रहा अभियान

जिले में कालाजार मरीजों की खोज के लिए हर वर्ष दो बार घर-घर खोज अभियान चलता है। आशा, एएनएम व मलेरिया विभाग की ओर से तीन दिनों से अधिक जिन लोगों को बुखार होता है, उनकी पहचान कर कालाजार की जांच करानी है। रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर इलाज शुरू करना है। वहीं बचाव के लिए हर साल दो बार छिड़काव भी किया जाता है। इसकी मॉनीटरिंग राज्य व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा की जाती है।  


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