सत्संग के श्रवण से सभी दुख समाप्त हो जाते हैं: चतुरानंद जी महाराज
मुंगेर । सत्संग के श्रवण से सभी दुख समाप्त हो जाते हैं। लोगों को सत्संग में आकर संतों की वाणी
मुंगेर । सत्संग के श्रवण से सभी दुख समाप्त हो जाते हैं। लोगों को सत्संग में आकर संतों की वाणी को सुनना चाहिए। जिससे इस भवसागर से मुक्ति मिल सके। उक्त बातें ऋषि कुंड में चल रहे मुंगेर जिला संतमत सत्संग के 48वें वार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए महर्षि मेंही दास के अनन्य भक्त प्रधान आचार्य चतुरानंद जी महाराज ने लोगों को कही। उन्होंने कहा कि सत्संग के सुनने से लोग भवसागर से पार हो जाते हैं। सत्संग करने वालों को कोरोना बीमारी कैसे होगी। जबकि सभी दुखों को दूर करने वाले प्रभु सत्संग सुनने वालों के सभी दुखों का नाश करते हैं ।उन्होंने कहा कि इस महामारी से देश में सब कुछ बंद हो गया लेकिन सत्संग बंद नहीं होना चाहिए। सत्संग से ही दुखों का छुटकारा संभव है। उन्होंने कहा कि लोगों को व्यभिचार, नशा ,चोरी, हिसा इत्यादि से छुटकारा संतों के सानिध्य में आने से मिलता है। सत्संग सभी दुखों के अंत करने का रामबाण इलाज है। अगर हम सत्संग का श्रवण शुद्ध मन से करें तो हमें प्रभु के चरण में जगह मिल सकती है। यह मानव तन बहुत परिश्रम एवं पुण्य के बाद मिलता है। इसलिए इस जन्म में मनुष्य को ऐसे काम करना चाहिए। जिससे बार-बार इस मानव तन में होने वाले दुखों से छुटकारा मिल सके। उन्होंने उपस्थित लोगों को प्रतिदिन गुरु का ध्यान करने की सीख देते हुए कहा कि गुरु ही वे खेवनहार है जो भगवान तक पहुंचने का मार्ग दिखाते हैं। जो सच्चे मन से गुरु की सेवा एवं उनके कथन का पालन करना चाहिए। जो सत्संग का मनन मन से करता है वह इस संसार में सबसे सुखी हैं तथा सत्संग सभी दुखों से पार कराने का एकमात्र साधन है। इस अवसर पर प्रवचन कर्ता गुरुदेव बाबा, प्रेमानंद बाबा, रतन बाबा, धर्मानंद बाबा, स्वामी दयानंद बाबा, नंदन बाबा आदि ने अपने-अपने प्रवचन से लोगों को जीवन में अच्छी सीख सीखने की सलाह दी। पांचों ज्ञानेंद्रियों को अपने वश में करने की सलाह दी। इस अवसर पर सत्संगी अशोक कुमार मंडल अशोक पासवान सहित क्षेत्र के सत्संग प्रेमी उपस्थित थे