Bihar News : मुंगेर में श्रीकृष्ण सेतु को लेकर रेलवे और एनएचएआइ आमने-सामने, इस मामले में फंसा है पेंच
Bihar News बिहार में पुल गिरने के मामले तो आपने सुने और पढ़े हैं। परंतु मुंगेर जिले में एक ऐसा पुल है जो कितना भार उठा सकता है यह तय नहीं हो पा रहा है। दरअसल एनएचएआइ ने पुल की वजन उठाने की जो क्षमता बताई है रेलवे ने उससे इतर मत सामने रखा है। ऐसे में असमंजस की स्थिति बन गई है।
जागरण संवाददाता, मुंगेर। Bihar News : बिहार के मुंगेर जिले में एक पुल को लेकर एनएचएआइ और रेलवे आमने-सामने आ गए हैं। असल में दोनों ही पुल से गुजरने वाले भारी वाहनों के मामले में एक मत नहीं हैं। इसे लेकर पत्राचार भी हुए हैं, जिनसे असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
मुंगेर को बेगूसराय व खगड़िया से जोड़ने वाले गंगा पर निर्मित श्रीकृष्ण सेतु के पहुंच पथ को एनएचएआइ ने 55 टन भार वाले वाहनों के परिचालन के लिए सुरक्षित करार दिया है।
इस संबंध में एनएचएआइ के परियोजना निदेशक प्रमोद कुमार महतो ने मुंगेर डीएम को पत्र भी लिखा है। यह पत्र मुंगेर डीएम के उस पत्र के जवाब में लिखा गया है, जिसमें डीएम ने एनएचएआइ के परियोजना निदेशक से पुल की सुरक्षा के दृष्टिकोण से सुरक्षित वजन क्षमता के वाहन परिचालन के लिए तकनीकी जांच रिपोर्ट व उनके मंतव्य की मांग की थी।
इससे पूर्व मध्य रेलवे की ओर से यह कहा गया था कि जाम की स्थिति में दो लेन वाला यह पुल केवल 20 टन वजन वाले वाहनों के लिए सुरक्षित है।
यह पत्र पूर्व मध्य रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर ब्रिज लाइन, हाजीपुर ने बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग के सचिव को लिखा था। इसमें उन्होंने कई बिंदुओं को रखा था।
इसके पश्चात डीएम के निर्देश पर सदर एसडीओ मुंगेर ने एनएचएआइ के परियोजना निदेशक प्रमोद महतो को श्रीकृष्ण सेतु पर मैटेलिक बैरियर व सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया था।
दिन में बैरिकेडिंग, रात में तोड़ दिया
श्रीकृष्ण सेतु पर ओवरलोडेड वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। प्रशासन ने इसे रोकने की कोशिश भी की, दो बार हाइट गेज बैरियर भी दिन में सेतु के दोनों तरफ लगाया पर दोनों बार बालू-गिट्टी तस्करों ने चंद घंटे में तोड़ दिया।
ढाई माह से सेतु पर कोई बैरियर नहीं है, अब तक इस दिशा में कोई सहमति भी नहीं बनी है। ऐसे में बालू तस्करों की मनमानी बढ़ गई है।
इधर, ओवरलोड ट्रकों के परिचालन की वजह से एप्रोच पथ भी दरकने लगा है। एनएचएआइ ने भी एप्रोच पथ टूटने का कारण ओवरलोड ट्रकों का परिचालन बताया है।
ऊपर रोड नीचे चलती है ट्रेन
श्रीकृष्ण सेतु के नीचे से ट्रेनों का परिचालन होता है। हर दिन दो दर्जन से ज्यादा मालगाड़ियां और यात्री ट्रेनें गुजरतीं हैं।
पूर्व मध्य रेल ने सेतु पर खतरा होने की आशंका जताते हुए ओवरलोड ट्रकों के परिचालन पर रोक लगाने के लिए दो बार पत्र भी भेजा था।
रेलवे की तरफ से राज्य के परिवहन सचिव को पत्र लिखा गया था कि 20 टन से ज्यादा क्षमता वाले भारी वाहनों का परिचालन बंद नहीं हुआ तो पुल क्षतिग्रस्त हो सकता है।
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रेलवे से मिले पत्र के बाद राज्य के परिवहन सचिव ने 20 टन से अधिक भार क्षमता वाले वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने का आदेश जिला प्रशासन को दिया।
- 2022 के फरवरी माह में हुआ था उद्घाटन
- 07 सौ से ज्यादा ट्रक गुजरते हैं रोजाना
- 14.5 किलोमीटर है सेतु का एप्रोच पथ
हाथीदह पुल बंद होने से बढ़ी भीड़
हाथीदह पुल पर बड़े वाहनों का परिचालन बंद होने के कारण बेगूसराय, कोसी-सीमांचल और उत्तर बिहार जाने वाले ट्रकों का परिचालन श्रीकृष्ण सेतु के रास्ते हो रहा है।
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हर दिन लगभग छह से सात सौ ओवरलोडेड ट्रक गुजर रही है। कृष्ण सेतु पर हर दिन बालू व पत्थर लदे 50 से 60 टन तक भार वाले वाहनों का परिचालन हो रहा है। कोई देखने वाला नहीं है।