अर्चना हत्याकांड में जीतेंद्र को आजीवन कारावास
-2017 लूट के दौरान अर्चना तिवारी की बेरहमी की गई थी हत्या - घटना का एक भी चश्मदीद गवाह
-2017 लूट के दौरान अर्चना तिवारी की बेरहमी की गई थी हत्या
- घटना का एक भी चश्मदीद गवाह नहीं
- मुख्य अभियुक्त के बयान पर जीतेंद्र बना था आरोपी
संवाद सूत्र, मुंगेर : जमालपुर थाना के लक्ष्मणपुर गांव में 12 जून 2017 को लूट के दौरान घर में अकेली पाकर अर्चना तिवारी की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी ।
अर्चना तिवारी हत्याकांड को लेकर जमालपुर थाना में कांड संख्या 88/17 दर्ज हुई थी। मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम के न्यायालय में सत्र वाद संख्या 316/17 में सजा के बिदु पर सुनवाई हुई। जिस में अभियोजन, बचाव एवं सूचक के अधिवक्ता के दलील सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-प्रथम अनुराग ने दोषी जीतेंद्र कुमार को हत्या के मामले धारा 302 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई एवं लूट के मामला 392 में सात वर्ष की सुनाई। दोनों सजा साथ-साथ चलेगी। न्यायालय ने शुक्रवार को जीतेंद्र को दोषी करार दिया था। सूचक की ओर से निजी अधिवक्ता रजनीकांत झा एवं अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक अरुण कुमार चौधरी ने बहस में भाग लिया।
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गवाहों को पुलिस ने दी थी सुरक्षा :
गौरतलब हो कि इस मामले में नामजद के सहयोगी द्वारा केश के सूचक एवं गवाहों को डराया एवं धमकाया गया था। इस कारण न्यायालय के निर्देश पर पुलिस अभिरक्षा में गवाहों ने न्यायालय के समक्ष अपनी गवाही दी थी।
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क्या है मामला : जमालपुर थाना के लक्ष्मण बस्ती निवासी विधवा अर्चना तिवारी को कोई पुत्र नहीं था। अर्चना को मात्र दो पुत्री थी। जिसमें एक की शादी हो गई थी। वह अविवाहित पुत्री रिमझिम तिवारी के साथ घर में रहती थी। रिमझिम टीऐ कैंप ईस्ट कॉलोनी में कार्य करती थी। घटना के दिन सुबह साढ़े आठ बजे रिमझिम ड्यूटी करने घर से निकली। दोपहर साढ़े बारह बजे उसे मौसी से जानकारी हुई की उसकी मां की हत्या कर दी गई है। रिमझिम ने अपने बयान में कहा कि जब मैं घर के अंदर पहुंची तो देखा कि मां का शव खून से लथपथ पड़ा हुआ है। कुछ दूरी पर खून से सना खंती पड़ा हुआ था। मां के गले से सीकरी एवं कान का झुमका गायब था। घर का समान बिखरा पड़ा था एवं जेवरात गायब था। घटना के पूर्व एक आरोपी मेरे घर में चाय पिया बाद में वे अपनी सहयोगी को बुलाकर घटना को अंजाम दिया। लूट-पाट के दौरान मेरी मां ने विरोध किया, जिस वजह से बदमाशों ने मेरी मां की बेरहमी से खंती से मारकर हत्या कर दी थी।
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दो नामजद एवं 5-6 अज्ञात के विरूद्ध दर्ज हुआ था मुकदमा :
मृतका के पुत्री रिमझिम तिवारी ने गांव के ही कारू पासवान के 20 वर्ष के पुत्र आकाश पासवान, जगदीशपुर के लेधा पासवान का पुत्र प्राण पासवान एवं सात अज्ञात के विरूद्ध केस दर्ज कराई थी। केस के अनुसंधान के दौरान पुलिस ने प्राण पासवान को निर्दोष पाया। लेकिन मुख्य अभियुक्त आकाश पासवान के बयान पर पुलिस ने बगल के गांव जगदीशपुर के जीतेंद्र के विरूद्ध साक्ष्य पाया और उसे गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तार होने के बाद से दोनों आरोपी जेल में बंद है।