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कटियारी पंचायत के डंगरा गांव में जल संकट गहराया

संवाद सूत्र संग्रामपुर (मुंगेर) इन दिनों सरकार एवं प्रशासनिक महकमा लोकसभा चुनाव में व्यस्त

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 07:52 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 07:52 PM (IST)
कटियारी पंचायत के डंगरा गांव में जल संकट गहराया

संवाद सूत्र, संग्रामपुर (मुंगेर) : इन दिनों सरकार एवं प्रशासनिक महकमा लोकसभा चुनाव में व्यस्त है। चुनाव में बड़े बड़े दावें भी किए जा रहे हैं। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। जल ही जीवन है। बावजूद इसके गर्मी आते ही लोगों को पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कुछ ऐसी ही स्थिति प्रखंड के कटियारी पंचायत अन्तर्गत आदिवासी बहुल्य गांव डंगरा में देखी जा रही है। विदित हो कि डंगरा गांव की आबादी लगभग दो सौ की है। पहाड़ की तलहटी में स्थित डंगरा गांव के लोगों को गर्मी आते ही जल संकट का सामना करना पड़ता है। सरकारी स्तर पर इस गांव में पेयजल की किसी तरह की व्यवस्था नहीं है। लगभग चार दशक पूर्व बने कुएं से लोग बड़ी मशक्कत के बाद अपनी प्रयास बुझाते हैं। ग्रामीण नवल किशोर बास्की उर्फ गोलू ने बताया कि वर्षों पूर्व इस गांव में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा एक चापाकल लगाया गया था। जो कुछ ही दिन बाद खराब हो गया। जिसकी मरम्मत के लिए विभागीय अधिकारियों से आग्रह भी किया। लेकिन किसी ने कोई सुध नहीं लिया। विभागीय उदासीनता के वजह से चापाकल जमींदोज हो रहा है। उन्होंने बताया कि गांव के प्राथमिक विद्यालय में एक चापाकल है, जो मरम्मत के अभाव में खराब पड़ा है। पेयजल के नाम पर एक कुंआ है। जिसका जलस्तर बहुत ही नीचे चला गया है। जो दोपहर होते-होते सुख जाता है। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना भी यहां धरातल पर नहीं है। 2 वर्ष पूर्व इस गांव के लिए मिनी जलापूर्ति योजना की स्वीकृति मिली। लेकिन विभाग ने सरकार आदेश को ठेंगा दिखाते हुए टेटिया बम्बर प्रखंड के नोनाजी पंचायत के डंगरा गांव में लगा दिया गया। उस समय यह कहा गया कि यहां से ही दोनों डंगरा में जलापूर्ति की जायेगी। जो सिर्फ कोरा आश्वासन निकला।

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वहीं वार्ड संख्या 13 की वार्ड सदस्या सह डंगरा निवासी सुमित्रा देवी ने बताया कि हर वर्ष गर्मी आते ही गांव में जल समस्या उत्पन्न हो जाती है। एक कुंआ है जिसपर पौ फटते ही पानी लेने वाले की भीड़ लग जाती है। पानी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। कभी-कभी तो ऐसा भी होता है कि अपनी बारी आते-आते कुंआ ही सुख जाता है। पानी की किल्लत के कारण प्रतिदिन स्नान भी करना दुभर हो गया है। फिलवक्त गर्मी ने अभी दस्तक ही दिया है और डंगरा गांव में पेयजल की समस्या गहराने लगा है। अगर समय रहते पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं की गई, तो डंगरा के ग्रामीण पानी के लिए सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे।


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