अगर गांव में ही मतदान केंद्र होता तो वोट ज्यादा होता
- गांव में सरकारी भवन नहीं होने के कारण पांच किलोमीटर दूर मत देने जाते हैं मतदाता -
- गांव में सरकारी भवन नहीं होने के कारण पांच किलोमीटर दूर मत देने जाते हैं मतदाता
- मतदान के दिन आदर्श बूथ का हो सकता निर्माण, तो क्या नहीं बनाया जा सकता है अस्थायी मतदान केंद्र
संवाद सूत्र, बरियारपुर (मुंगेर) : प्रखंड के मुरला मुशहरी में सरकारी भवन नहीं रहने के कारण मतदताओं को पांच किलोमीटर दूर मत देने शाह जुवैर मध्य विद्यालय घोरघट जाना पड़ता है। इतनी दूर होने के बाद भी गांव के लगभग 100 से अधिक मतदाता कड़ी धूप में भी मत डाल कर लोकतंत्र में अपनी भागीदारी निभाते हैं, जो सराहनीय है। गौरतलब है कि मरला मुशहरी गांव करहरिया पूर्वी पंचायत के अधीन आता है। यह खड़िया-अमैया पथ बहियार में बसा है। गांव तक जाने के लिए सड़क की व्यवस्था नहीं है। गांव में एक भी सरकारी भवन नहीं है, जिसके कारण मत देने के लिए उनलोगों को लगभग 5 किलोमीटर से अधिक की दूरी पैदल तय करना पड़ता है। महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चे लेकर अपना मत देने जाती हैं। ग्रामीण केदार सदा, रीना देवी, मुन्ना सदा, सुलतान सदा मीरा देवी आदि ने बताया कि वे लोग हर चुनाव में मतदान करते हैं। दूर होने के कारण लोग जाना नहीं चाहते हैं, लेकिन हमलोग टोली बनाकर कड़ी धूप हो या बारिश मतदान देने जरूर जाते हैं। सरकार को उनलोगों के लिए गांव के बगल में ही अस्थाई मतदान केंद्र बनाना चाहिए। जिससे उनलोगों को परेशानी नहीं हो तथा वे लोग अपने मताधिकार का प्रयोग बिना किसी दिक्कत के कर सकें। चुनाव आयोग आदर्श मतदान केंद्र बनाती है, वहां मतदताओं को सुविधा भी दी जाती है। लेकिन उनलोगों को धूप में पैदल जाने के अलावे कोई चारा नहीं रह जाता है। ग्रामीणों ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब आदर्श मतदान केंद्र बनाया जा सकता है, तो अस्थायी मतदान केंद्र क्यों नहीं।