अधिवक्ताओं ने विधिज्ञ संघ द्विवार्षिक चुनाव तत्काल रोकने की मांग की
- एक पक्ष ने आरोप को सिरे से किया खारिज संवाद सूत्र तारापुर (मुंगेर) विधिज्ञ संघ ताराप
- एक पक्ष ने आरोप को सिरे से किया खारिज
संवाद सूत्र, तारापुर (मुंगेर) : विधिज्ञ संघ तारापुर के द्विवार्षिक चुनाव पर ग्रहण लगता दिख रहा है। विधिक संघ के कई अधिवक्ता सदस्यों ने निर्वाचक मंडल द्वारा मॉडल रूल की अवहेलना करते हुए चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ करने के संबंध में अध्यक्ष बिहार स्टेट बार काउंसिल पटना को आवेदन देते हुए नियमपूर्वक संघ का चुनाव करवाने की मांग की। शपथ पत्र के साथ अधिवक्ताओं ने अध्यक्ष बिहार स्टेट बार कॉउंसिल पटना को अवगत कराते हुए कहा है कि विधिक संघ तारापुर के निवर्तमान महासचिव राजेश कुमार सिंह द्वारा मनमानी एवं मॉडल रूल के प्रतिकूल चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ करा दिया गया है। जिससे सभी सदस्य क्षुब्ध होकर विधि सम्मत तरीके से चुनाव प्रक्रिया संचालित कराने के लिए आवेदन कर रहे हैं। अधिवक्ताओं ने बताया है कि विधिक संघ द्वारा अंतिम आमसभा में सदस्यों के समस्याओं के निराकरण को लेकर कोई त्रिस्तरीय कमेटी नहीं बनाई गई है। जिसमें अधिवक्ता अपनी आपत्ति दर्ज करा सकें। जिसके चलते सभी अधिवक्ता अपनी समस्याओं से आपको अवगत करा रहे हैं। अधिवक्ताओं ने कहा कि 27 फरवरी को आम सभा का अंतिम रूप से आयोजन किया गया था। जिसमें सुदर्शन प्रसाद सिंह को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी तथा तीन अन्य अधिवक्ता को सहायक निर्वाचन पदाधिकारी नियुक्त किया गया। इस में उपस्थित सदस्यों के अनुरोध पर भी त्रिस्तरीय समिति का गठन नहीं किया गया, जो मॉडल रूल के प्रतिकूल है। निर्वाचन के लिए प्रारंभिक मतदाता सूची का प्रकाशन नहीं किया गया तथा मतदाता सूची पर आपत्ति देने का कोई अवसर नहीं दिया गया। सीधे तौर पर 15 मार्च 2019 को मतदाता सूची को अंतिम प्रकाशित कर दिया गया तथा 30 मार्च को मतदान की तिथि निर्धारित कर दी गई।
अधिवक्ता सदस्यों ने कहा कि आम सभा में भी मतदाताओं की संख्या और नाम का प्रकाशन नहीं किया गया और ना ही आम सदस्यों को इस से अवगत कराया गया। बताया कि मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद जब सत्यापित प्रति लेकर उन लोगों ने देखा तो उसमें दर्जनों अधिवक्ता ऐसे पाए गए, जिन्होंने कभी तारापुर विधिक संघ देखा भी नहीं है और विभिन्न विधिक संघों में बतौर नियमित अधिवक्ता कार्य कर रहे हैं, अनेक प्रकार की सुविधाएं ले रहे हैं। उन सबका नाम मतदाता सूची में जोड़ कर मतदाता को अपने पक्ष में परिणत करने का अनैतिक प्रयास किया गया है। आरोप लगाया कि नियुक्त निर्वाचित पदाधिकारी सुदर्शन प्रसाद सिंह भी महासचिव के निर्देश पर मनमानी तरीके से कार्य करते नजर आ रहे हैं। 15 मार्च को मतदाता सूची प्रकाशित किया गया और 30 मार्च को मतदान की तिथि घोषित कर दी गई है। समय बहुत कम दिया गया है तथा आपत्ति निराकरण के लिए त्रि स्तरीय समिति भी गठित नहीं की गई है। अधिवक्ताओं ने राज्य बार एसोसिएशन के अध्यक्ष से इस पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए तत्काल प्रभाव से विधिक संघ तारापुर के चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए मॉडल रूल के अनुसार नए सिरे से चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ करवाने की गुहार लगाई है। अधिवक्ता अजय कुमार झा, रामाकांत रमण, नीलांबर कुमार सहित बड़ी संख्या अधिवक्ताओं के ज्ञापन पर हस्ताक्षर हैं।
इधर, विधिक संघ के निवर्तमान अध्यक्ष हरे कृष्ण वर्मा ने बताया कि असंतुष्ट अधिवक्ता द्वारा विधिज्ञ संघ के आम चुनाव को लेकर दर्ज आपत्ति निराधार है। मतदाता सूची का प्रकाशन 4 मार्च को सार्वजनिक किया गया तथा आम सभा में भी किसी सदस्य द्वारा कोई आपत्ति नहीं किया गया और ना ही मतदाता सूची को लेकर विधिज्ञ संघ तारापुर के आम सभा द्वारा नियुक्त मुख्य चुनाव पदाधिकारी सुदर्शन प्रसाद सिंह के समक्ष कोई आपत्ति दर्ज कराई गई है। सभी प्रकार के मॉडल रूल्स के अनुसार आम सदस्यों को अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए उचित प्राधिकार के समक्ष नहीं रखे। मतदाता सूची में उन्हीं अधिवक्ताओं का नाम है, जो विगत कई वर्षों से चुनाव में भाग लेते आ रहे हैं।