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बालू मुंगेर का चालान बांका का ,प्रतिदिन सरकार को हो रहा लाखों का नुकसान

संवाद सूत्र संग्रामपुर(मुंगेर): जिले के संग्रामपुर प्रखंड के बदूआ नदी घाट से बालू उत्खनन पर

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 09:37 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 09:37 PM (IST)
बालू मुंगेर का चालान बांका का ,प्रतिदिन सरकार को हो रहा लाखों का नुकसान

संवाद सूत्र संग्रामपुर(मुंगेर): जिले के संग्रामपुर प्रखंड के बदूआ नदी घाट से बालू उत्खनन पर रोक के बावजूद बालू का अवैध कारोबार धडल्ले से जारी है। नदी के कहुआ, राणाडीह एवं मणियाँ घाट से बालू का अवैध उत्खनन एवं भंडारण धडल्ले से किया जा रहा है। बालू का यह अवैध कारोबार माल महाराज होली खेले मिर्जा को चरितार्थ कर रहा है।बालू के अवैध उत्खनन को बांका जिले के चलान पर वैध बनाकर मुंगेर में अवैध कारोबार किया जा रहा है।जिससे सरकार को लाखों रुपये राजस्व का प्रतिदिन नुकसान हो रहा है। बालू के इस अवैध कारोबार को रोकने में खनन विभाग एवं पुलिस प्रशासन पूरी तरह से विफल साबित हो रही है।

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सूर्योदय के साथ ही शुरू हो जाता है बालू का काला कारोबार

कहुआ, राणाडीह एवं मणियां घाट की बंदोबस्ती पूर्व में सरकार द्वारा किया जाता था।लेकिन वर्तमान में इन घाटों की बंदोबस्ती नहीं किया गया है।लेकिन आज भी इन घाटों से बालू उत्खनन अनवरत रूप से जारी है।प्रतिदिन जेसीबी से बालू का अवैध उत्खनन कर ट्रैक्टर एवं डंपर पर लादकर ढुलाई की जा रही है।राणाडीह गांव में तो क ई स्थानों पर बालू का अवैध भंडारण भी किया जाता है।जिसे खुले आंखों से देखा जा सकता है।दिन के उजाले में बालू के हो रहे इस अवैध कारोबार पर किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नहीं होने से बालू के इस अवैध कारोबार में शामिल बालू माफियाओं के मनोबल चरम पर है।बालू माफियाओं का खौफ ऐसा है कि स्थानीय लोग चाहकर भी कुछ नहीं बोल पाते हैं।

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सीमांकन नहीं होने से होता है अवैध कारोबार

बदुआ नदी मुंगेर-बांका जिला सीमा के मध्य से गुजरती है ।नदी के एक पार मुंगेर जिला के घाट है तो दूसरे पार बांका जिला के घाट हैं। बांका जिला के घाट बालू उत्खनन के लिए बंदोबस्त है। जबकि मुंगेर जिला के घाटों पर बालू उत्खनन पर रोक लगी है।

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जिला सीमा की लाभ उठा रहे बालू माफिया

बदुआ नदी में जिला का सीमांकन नहीं होने से बालू माफियाओं की पौबारह है। बालू के अबैध उत्खनन एवं परिवहन के लिये बालू घाटों पर बालू माफियाओं के गुर्गे तैनात हैं जो बालू के अवैध उत्खनन एवं परिवहन को अंजाम देते हैं।वहीं निर्धारित राशि भी वसूलते हैं।बालू माफियाओं का ऐसा रैकेट है कि पुलिस आने की सूचना उन्हें पहले ही मिल जाती है।पुलिस पहूंचने के पहले ही बांका जिला में भाग खडा होता है।

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प्रतिदिन सरकार के लाखों के राजस्व का नुकसान

मुंगेर जिला क्षेत्र में बालू का भले ही उत्खनन हो रहा है जिसे बांका जिला के चलान पर वैध ठहराया जा रहा है। जिससे सरकार को लाखों रुपये का प्रतिदिन नुकसान हो रहा है।नदी में 100सीएफटी बालू का 400-500रूपये दिया जाता है।प्रतिदिन लाखों रूपये का चलान बांका जिला से मुंगेर लाया जाता है

------------- अवैध बालू उत्खन्न रोक के लिए स्थानीय पुलिस के साथ लगातार छापेमारी की जा रही है। छापेमारी के दौरान कई गाड़ियों को जब्त भी किया गया है। सीमाकंन को लेकर इस पर रोक लगाने में व्यवहारिक कठनाईयां आती है। इसे दूर करने के लिए विभाग के वरीय अधिकारियों को अवगत कराया गया है। छापेमारी में स्थानीय पुलिस का सहयोग भी मिल रहा है। बांका प्रशासन से भी अभियान में सहयोग के लिए बातचीत की जा रही है।

मुकेश कुमार जिला खनन पदाधिकारी


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