Move to Jagran APP

अश्वनी लोहानी आएंगे जमालपुर, एससीआरए को लेकर फिर जगी उम्मीद

इरमी के स्थापना दिवस पर विशेष - 2018 में रेलवे बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने की

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 09:45 PM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 09:45 PM (IST)
अश्वनी लोहानी आएंगे जमालपुर, एससीआरए को लेकर फिर जगी उम्मीद
अश्वनी लोहानी आएंगे जमालपुर, एससीआरए को लेकर फिर जगी उम्मीद

इरमी के स्थापना दिवस पर विशेष

loksabha election banner

- 2018 में रेलवे बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने की थी घोषणा

- संघर्ष मोर्चा ने किया था लगभग 90 दिनों तक आंदोलन केएम राज, जमालपुर, संवाद सहयोगी (मुंगेर) : भारतीय रेल की धड़कन कहे जाने वाले भारतीय रेल यांत्रिक एवं विद्युत अभियंत्रण संस्थान (इरमी) का स्थापना दिवस मनाए जाने की तैयारी जोरों पर है। 1927 में इरमी परिसर में एससीआरए के प्रथम सत्र का शुभारंभ हुआ। यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अधिकारियों ने भारतीय रेल को सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया था। इरमी से एससीआरए की पढ़ाई करने वाले कई छात्रों को पद्मभूषण और नोबेल पुरस्कार भी मिल चुका है। 1965 बैच के डॉक्टर आरके पचौरी को उत्कृष्ट सेवा के लिए नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था। लेकिन, 2015 के अक्टूबर माह में केंद्र सरकार ने एससीआरए की पढ़ाई बंद करने का निर्णय ले लिया। सरकार के इस निर्णय के विरोध में जमालपुर रेल निर्माण कारखाना संघर्ष मोर्चा के बैनर तले विभिन्न राजनीतिक सामाजिक संगठनों ने लगातार 90 दिनों तक आंदोलन चलाया था। आंदोलन की धार इतनी तेज थी कि सरकार ने भी इसका संज्ञान लिया। 14 फरवरी 18 को रेलवे बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने जमालपुर आगमन के दौरान 2019 से एससीआरए सत्र प्रारंभ करने की घोषणा की, लेकिन धरातल पर कुछ दिखा नहीं। वहीं इस बार फिर इरमी के वार्षिक उत्सव 13 और 14 फरवरी को मनाया जाना है। लेकर पूर्व और वर्तमान के कई वरीय पदाधिकारी का आगमन होना तय है। वहीं पूर्व चेयरमैन अश्वनी लोहानी का भी आगमन तय है। जिसे लेकर कर्मचारियों अधिकारियों और आंदोलन कर्मियों में एससीआरए के सत्र आरंभ होने की आस जगी है।

-----------------------------

इरमी परिसर में तैयार हुआ भव्य सभाकक्ष

भारतीय रेल में जमालपुर सदैव अपने नायाब योगदान देने के लिए जाना जाता रहा है। इसी कड़ी में इरमी परिसर में 11 करोड़ की लागत से निर्मित अति अत्याधुनिक सभागार अपनी छटा बिखेर रहा है। लगभग तीन सालों में 3000 मजदूरों के अथक प्रयास से सभागार का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। रेल इंजन के आकार में बना सभागार पूरी तरह से साउंडलेस है। जिसकी लंबाई लगभग 50 मीटर, चौड़ाई 20 मीटर और ऊंचाई 19 मीटर है। सभागार में लगभग 200 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। संभावना है कि 14 फरवरी को सभागार का उद्घाटन कर रेल को समर्पित किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.