बालगृह और अल्पावास गृह के गुनाहगारों पर कसेगा सीबीआइ का शिकंजा
फॉलोअप द डे -अल्पावास गृह और पनाह आश्रम के मामले की जांच के लिए मुंगेर पहुंची सीबीआइ
फॉलोअप द डे
-अल्पावास गृह और पनाह आश्रम के मामले की जांच के लिए मुंगेर पहुंची सीबीआइ की टीम
- बाल गृह पहुंचकर कर्मियों से की पूछताछ
जागरण संवाददाता, मुंगेर : मुंगेर में संचालित बालगृह और अल्पावास गृह के गुनाहगारों पर भी अब सीबीआइ का शिकंजा कसेगा। सीबीआइ की टीम ने मुंगेर पहुंच कर अल्पावास गृह की जांच की। सीबीआई के इंस्पेक्टर सह केस के अनुसंधानकर्ता गौरव कुमार सहित तीन सदस्यीय टीम मंगलवार को मुंगेर पहुंची। सीबीआइ की टीम ने मुंगेर बाल गृह पहुंच कर अधीक्षक की खोज की। सीबीआइ की टीम को बताया गया कि अधीक्षक दो दिनों के अवकाश पर हैं। इसके बाद सीबीआइ की टीम ने बाल गृह के कर्मियों से पूछताछ की। वहीं, मोबाइल से बाल गृह में घूम कर वीडियो क्लीप भी बनाई। सीबीआइ की टीम ने अपना मोबाइल नंबर देते हुए कर्मियों को निर्देश दिया कि अधीक्षक के अवकाश पर से लौटते ही उन्हें संपर्क करने को कहें। बताते चलें कि टाटा इंस्टीच्यूट आफ सोशल स्टडीज (टिस्स) ने राज्य के विभिन्न जिलों में संचालित बालगृह, अल्पावास गृह आदि का सोशल आडिट किया था। मुंगेर में बाल गृह के आडिट के दौरान टिस्स की टीम ने काफी अनियमितता पाई थी। टीम ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि बाल गृह के तत्कालीन अधीक्षक पैनुअल प्रधान एक मूक बधिर बालक से अपने आवास पर बर्तन व कपड़ा धोने, खाना बनाने आदि का काम लेते हैं। बालक द्वारा काम करने से मना करने पर उसकी पिटाई भी की गई। बालक के चेहरे पर कटे के निशान होने का जिक्र भी टिस्स की टीम ने किया। टिस्स की रिपोर्ट में उठाए गए तथ्यों के आलोक में डीएम ने जिला स्तरीय टीम का गठन किया। टीम में सामाजिक सुरक्षा कोषांग की सहायक निदेशक सीमा कुमारी, तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. श्रीनाथ, तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेश प्रसाद ¨सह, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष शिखा सन्हा आदि शामिल थे। जांच टीम ने आरोप को सही पाते हुए बाल गृह के अधीक्षक पैनुअल प्रधान को हटाने की अनुशंसा कर दी। बाद में इस मामले में मुख्यालय के निर्देश पर कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। जिसमें पैनुअल प्रधान सहित अन्य को आरोपित बनाया गया था। बाद में इस मामले में पैनुअल प्रधान ने जमानत ले ली। वहीं, अल्पावास गृह मामले में टिस्स की रिपोर्ट में यह बात समाने आई कि अल्पावास गृह में सुरक्षा मानक की अनदेखी की जा रही है। जिस आवासीय परिसर में अल्पावास गृह संचालित था, उसके एक हिस्से में किरायेदार रहते थे। वहीं, महिलाओं ने टिस्स की टीम को बताया कि बाथरूम की छिटकिनी भी टूटी हुई है। इससे महिलाएं अपनी सुरक्षा को लेकर सशंकित रहती थी। टिस्स कमेटी की रिपोर्ट पर अल्पावास गृह के संचालक मनोज ¨सह सहित अन्य पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई। वहीं, अल्पावास गृह में रह रही पांच महिलाओं को जमुई स्थानांतरित कर दिया गया। इस मामले में भी मनोज ¨सह ने जमानत ले ली। लेकिन, सीबीआइ जांच शुरू होने के बाद हड़कंप मच गया है। अब देखने वाली बात होगी कि सीबीआई के जांच के दायरे में कौन-कौन लोग आते हैं और सीबीआई क्या खुलासा करती है। लेकिन, यह तय माना जा रहा है कि अल्पावास गृह और बाल गृह मामले में जो भी दोषी होंगे, उन्हें सीबीआइ अपनी गिरफ्त में लेगी।