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ट्रेन और मालगाड़ी के डिब्बे निर्यात करने की राह पर मजबूती से आगे बढ़ता भारत, चीन को देगा कड़ी टक्कर

भारत ट्रेन और मालगाड़ी का डिब्बों के निर्यात की राह पर काफी आगे बढ़ गया है। पड़ोसी देशों के बाद अफ्रीकी देशों में इसका निर्यात किया जा रहा है। रोलिंग स्टॉक के निर्यात में भारत की प्रतिस्पर्धा मुख्य रूप से चीन से है। हाल के वर्षों में देश की रेल इकाईयों में रोलिंग स्टाक क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण बेहतर काम हुआ है।

By Rajnish Kumar Edited By: Mohit Tripathi Thu, 15 Feb 2024 04:52 PM (IST)
ट्रेन और मालगाड़ी के डिब्बे निर्यात करने की राह पर मजबूती से आगे बढ़ता भारत, चीन को देगा कड़ी टक्कर
ट्रेन और मालगाड़ी के डिब्बे निर्यात करने की राह पर भारत। (फाइल फोटो)

राज सिन्हा, जमालपुर (मुंगेर)। पूर्व रेलवे के प्रधान मुख्य यांत्रिक अभियंता एस के याग्निक ने बुधवार को कहा है कि भारत ट्रेन और मालगाड़ी का डिब्बों के निर्यात की राह पर काफी आगे बढ़ गया है। पड़ोसी देशों के बाद अफ्रीकी देशों में इसका निर्यात किया जा रहा है। रोलिंग स्टाक (ट्रेन व मालगाड़ी के डिब्बों) के निर्यात में भारत की प्रतिस्पर्धा मुख्य रूप से चीन से है।

हाल के वर्षों में देश की रेल इकाईयों में रोलिंग स्टाक क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण बेहतर काम हुआ है। वह दिन दूर नहीं जब भारत रोलिंग स्टाक निर्यात मामले में चीन से आगे होगा। यह जानकारी प्रधान मुख्य यांत्रिक अभियंता ने बुधवार को भारतीय रेल यांत्रिक एवं विद्युत अभियंत्रण संस्थान (इरिमी) के 97 वें स्थापना समारोह में रोलिंग स्टाक निर्यात विषय पर आयोजित सेमिनार में दी।

उन्होंने रेल रोलिंग स्टाक की निर्यात की संभावनाओं व इसके बदलते स्वरूप के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने इसके विभिन्न तकनीकी पहलुओं को सेमिनार में रखा। अब तक देश से निर्यात के लिए किए जा रहे प्रयास व परिणाम के बारे में भी चर्चा की।  भारतीय रेलवे की उपलब्धियां को अन्य देशों के मुकाबले बेहतर बताया।

इरिमी ने भारतीय रेल को नई पहचान दी

समारोह के मुख्य अतिथि रेलवे बोर्ड के प्रोडक्शन यूनिट सह मैकेनिकल इंजीनियर्स विभाग के अतिरिक्त सदस्य राजकुमार मंगला ने कहा कि इरिमी ने भारतीय रेल को आधुनिक व तकनीकी रूप से नई पहचान दी है।

जिस तरह ट्रेन के कोच, इंजन रेल कारखाने में तैयार होते हैं, उसी तरह इरिमी रेलवे अधिकारी बनाने का कारखाना है। यहां से पढ़कर निकले अधिकारी आज देश-विदेश में इरिमी का नाम ऊंचा कर रहे हैं।

अपर महानिदेशक प्रसादा रवि कुमार ने वार्षिक रिपोर्ट पेश की। इरिमी की स्थापना अंग्रेजों ने 14 फरवरी, 1927 को की थी। उस समय देश में रेलवे अभियंताओं की पढ़ाई के लिए यह इकलौता संस्थान था।

14 फरवरी, 2024 को यह संस्थान 97 वर्ष का हो गया। समारोह में देश के कई रेल जोन से पहुंचे 13 अधिकारियों को सम्मानित किया गया। सेमिनार का संचालन आचार्य (डब्ल्यूएमटी) शाश्वत गुप्ता ने किया।

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