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अस्पताल हो बीमार तो कैसे होगा इलाज

एक ओर सरकार जहां स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए पैसा पानी की तरह बहा रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 06:48 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 06:48 PM (IST)
अस्पताल हो बीमार तो कैसे होगा इलाज
अस्पताल हो बीमार तो कैसे होगा इलाज

मुंगेर। एक ओर सरकार जहां स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए पैसा पानी की तरह बहा रही है। वहीं दूसरी ओर धरहरा पीएचसी में चिकित्सकों की कमी के कारण मरीजों का उचित इलाज नहीं हो रहा है। वर्ष 1970 में धरहरा दक्षिण पंचायत के पूर्व मुखिया स्वर्गीय भूपेंद्र नारायण ¨सह के द्वारा दान में दी गई जमीन पर बनाया गया पीएचसी की स्थिति अत्यंत बदहाल हो गई है। लाखों की आबादी वाले धरहरा प्रखंड के मरीजों से इलाज के लिए मात्र तीन चिकित्सक पदस्थापित हैं। जबकि रोजाना लगभग 300 मरीजों को देखते देखते चिकित्सकों की भी हालत खराब हो जाती है। इस उमस भरी गर्मी में पीएचसी में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं रहने के कारण चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को बाहर से बंद पानी बोतल खरीदकर प्यास बुझानी पड़ती है। पीएचसी में लगभग आठ वर्षों से महिला चिकित्सक के अलावा शिशु रोग विशेषज्ञ, हड्डी, आंख, नाक, कान, गला का डॉक्टर नहीं रहने से अत्यंत ही गरीब मरीजों को उचित इलाज के लिए 20 किलोमीटर दूर मुंगेर और 12 किलोमीटर जमालपुर जाना पड़ता है। जहां निजी चिकित्सकों द्वारा मरीजों का आर्थिक दोहन होता है। धरहरा पीएचसी में खून, पेशाब, पैखाना जैसी जांच सुविधा नदारद है। लैब टेक्नीशियन संजय कुमार, जितेंद्र कुमार सिर्फ प्रेगनेंसी टेस्ट, होमो ग्लोबिन, एचआईवी जैसे जांच कर पाते हैं। मलेरिया से ग्रसित मरीज का यहां उचित इलाज नहीं हो रहा है। मलेरिया बीमारी से ग्रसित मोहनपुर निवासी मरीज प्रकाश यादव का जांच नहीं होने व उचित दवा नहीं मिलने के कारण ¨चताजनक स्थिति हो गई है। बरसात का मौसम है और यहां मलेरिया की दवा और जांच किट उपलब्ध नहीं रहने से अधिकांश मलेरिया रोग से प्रभावित रहने वाला इलाका मथुरा, बंगालबा, मोहनपुर सहित कई अन्य गांवों के लोगों की नींद उड़ गई है। वहीं अस्पताल में फैली व्याप्त अव्यवस्था के संबंध में पूछने पर सिविल सर्जन डा.योगेंद्र प्रसाद भगत ने कहा कि चिकित्सकों की कमी है। अगर कुछ चिकित्सक आएंगे तभी दे पाएंगे । उन्होंने कहा कि रोगी कल्याण समिति के फंड से आरओ की खरीददारी करने के लिए पीएचसी प्रभारी को निर्देश दिया जा चुका है। साथ ही आउटसोर्सिंग से अच्छे जेनरेटर उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक कार्रवाई होगी। मलेरिया जांच कीट एवं दवा की मांग अगर किया जाएगा तो शीघ्र उपलब्ध कराया जाएगा।

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