कबाड़ खाना बन गया सदर अस्पताल का नेत्र विभाग
मधेपुरा। सदर अस्पताल का नेत्र रोग विभाग कबाड़ खाना बना हुआ है। नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक प
मधेपुरा। सदर अस्पताल का नेत्र रोग विभाग कबाड़ खाना बना हुआ है। नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक पदस्थापित रहने व मोतिया ऑपरेशन के लिए सभी उपकरण उपलब्ध रहने के बावजूद अब तक एक भी रोगियों का ऑपरेशन नहीं हुआ है। मालूम हो कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में नेत्र रोग विभाग को एक हजार मोतिया¨बद मरीजों के ऑपरेशन का लक्ष्य दिया गया है। चार माह बीत गया है लेकिन अब तक एक भी मोतिया¨बद मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो सका है। ऐसी स्थिति रही तो प्राप्त लक्ष्य को पूरा करना कठिन होगा। गत वर्ष तक नेत्र रोग विभाग के शल्य कक्ष में आवश्यक उपकरण जैसे माइक्रोस्कॉप सहित अन्य सामान नहीं रहने की बात कह अस्पताल के नेत्र ओटी में मोतियाबिन्द का ऑपरेशन नहीं होता था। परन्तु नेत्र रोग विभाग का तमाम आवश्यक उपकरण दो माह पूर्व उपलब्ध करा दिए जाने के बाद भी मोतियाबिन्द मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो रहा है।
नेत्र रोग विभाग के बरामदे में रखे कबाड़ से ही इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग की स्थिति क्या होगी। नेत्र रोग विभाग में केवल खानापूर्ति की जा रही है। आंख देख चश्मा का पावर बता दिया जाता है और दवा की जरूरत हो तो दवा लिख दी जाती है। परन्तु आंख से संबंधित गंभीर रोगों का इलाज नहीं किया जाता है। दो माह पूर्व अस्पताल के नेत्र रोग विभाग के लिए माईक्रोस्कॉप, विजन बॉक्स, रेटिनो स्कॉपी, ट्रायल वाक्स, ए-स्केन सहित अन्य उपकरण की खरीद की गई। फिर भी बिहार के कमरे तक को खोला नहीं जाता है। अब नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक का कहना है कि जब तक ऑपरेशन करने लायक ओटी नहीं बनाया जाता तब तक परेशानी है। वहीं जिला अंधापन पदाधिकारी सह अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शैलेन्द्र कुमार गुप्ता ने बताया कि नेत्र ओटी चिकित्सक के अनुसार बनाने का निर्देश अस्पताल मैनेजर को दे दिया गया है। 15 अगस्त तक ओटी को सुसज्जित कर लिया जाएगा। उसके बाद मोतियाबिन्द मरीजों के आंखों का ऑपरेशन शुरू कर दिया जाएगा।