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कोरोना खौफ के बीच आस्था की चली बयार, बोल बम से गूंजा शिवालय

मुंगेर । कोरोना खौफ पर सोमवार को आस्था भारी पड़ी। सावन की सोमवारी और अमावस्या होने के क

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 07:28 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 07:28 PM (IST)
कोरोना खौफ के बीच आस्था की चली बयार, बोल बम से गूंजा शिवालय

मुंगेर । कोरोना खौफ पर सोमवार को आस्था भारी पड़ी। सावन की सोमवारी और अमावस्या होने के कारण गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद पूजा अर्चना की। हालांकि, लॉकडाउन के कारण अधिकांश मंदिरों में आम श्रद्धालुओं के पूजा अर्चना पर रोक लगी रही। इसके बाद भी श्रद्धालुओं ने मंदिर के बाहरी परिसर में पूजा अर्चना की। वहीं, कई जगहों पर छोटे शिवालयों में महिलाएं शिवलिग पर जलाभिषेक करती दिखाई दी। शिवगुरु धाम में भी शारीरिक दूरी का अनुपालन करते हुए श्रद्धालु पूजा अर्चना करते दिखाई दिए।

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तारापुर : श्रावण मास के पवित्र सोमवार अमावस्या होने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु पीपल के पेड़ की पूजा अर्चना करते दिखे। कई जगहों पर महिलाएं ना तो अपने चेहरे पर मास्क लगाई थी ना ही शारीरिक दूरी के पालन के प्रति सजग दिखाई दी। वहीं, पूजा के पश्चात सभी एक दूसरे को सिदूर एवं तिलक लगाते देखी गई। महिलाओं ने बताया कि सावन मास में सोमवार को होने वाली अमावस्या का संयोग बड़ा ही शुभकारी होता है। पूजन से परिवार में शांति एवं सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। महिलाओं ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से इस संसार को बाबा भोले ही बचा सकते हैं। हम लोग यही कामना कर रहे हैं विश्व का कल्याण हो और इस महामारी से विश्व के मानव को बाबा भोले निजात दिलाएं।

हवेली खड़गपुर : प्रखंड के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सोमवती अमावस्या आस्था और उमंग के साथ मनाई गई। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश पर हवेली खड़गपुर के कई मंदिरों में कोरोना के कारण मंदिर के गेट बंद रहे। ऐसे में भक्तों ने मंदिर के बाहर ही भगवान की पूजा अर्चना की। कोरोना के कारण बहुत सी महिलाओं ने घरों में ही पूजा-अर्चना की। सावन का सोमवार होने के चलते इस बार शिव पार्वती गणेश और कार्तिकेय की भी पूजा कर उनका जलाभिषेक किया गया। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों के कई मंदिरों में श्रद्धालुओं ने पूजा करने के दौरान शारीरिक दूरी का पालन किया। वहीं, कोरोना वायरस के कारण शहर के कई शिवालयों को बंद रखा गया। शिवालयों में पूजन-अर्चन, जलाभिषेक, रुद्राभिषेक सहित किसी भी तरह के अनुष्ठान पर रोक लगी रही।

टेटिया बम्बर : पति की दीर्घायु की कामना को लेकर सोमवार को प्रखंड के बनगामा, अम्मा बाजार, धौरी, बिछीचांचर, गोखुलचक, टेटिया बम्बर, तिलकारी, मंजूरा, कलई, गोरवडीह ,मोहनपुर, भलगुरी, भंडार, लश्कारा, छाता, पतघाघर, खपरा, चंद्रपुरा, कैसोली, बनहरा, मिल्की, राजाडीह आदि गांवों में महिलराओं ने श्रद्धा भक्ति के साथ सोमवारी अमावस्या व्रत किया। पंडित दया शंकर तिवारी ने बताया कि प्रचलित कथाओं के अनुसार देव शर्मा को सात पुत्र एक पुत्री गुणवती थी । गुणवती की शादी के बाद वह विधवा हो गई । गुणवती ने सोमवती अमावस्या का व्रत कर पीपल के वृक्ष का 108 बार परिक्रमा करने पर भगवान प्रसन्न हो गए और उन्होंने गुणवती से वर मांगने को कहा । गणवती ने पति को जीवित करने को कहा। भगवान जनार्दन ने कहा कि तुम्हारी पति जीवित हो जाएगा और पति रूद्र शर्मा पुन: जीवित हो गया । पति के जीवित हो जाने पर सभी सुहागिन महिलाएं सोमवारी अमावस्या के दिन सोमवती व्रत रखती है । वही सोमवार को पीपल के वृक्ष का परिक्रमा करने को लेकर महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

हेमजापुर : धरहरा प्रखंड क्षेत्र के हेमजापुर बहाचौकी और शिवकुंड पंचायत के विभिन्न जगहों पर शारीरिक दूरी का अनुपालन करते हुए महिलाओं ने सोमवती अमावस्या के अवसर पर पीपल वृक्ष की पूजा अर्चना कर अपने पति की दीर्घायु की कामना की। कहते हैं सोमवती अमावस्या करने से धन संपदा में वृद्धि, स्वास्थ्य सुख, धन लाभ और पति की आयु लंबी होती है। सोमवार को महिलाओं ने पीपल वृक्ष में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कच्चा सुता बांध साथ ही विभिन्न तरह की पूजन सामग्री और नैवेद्य के साथ भगवान विष्णु के निवास स्थल पीपल वृक्ष की पूजा अर्चना की। इस दौरान पीपल वृक्ष की परिक्रमा करते हुए अपनी पति की लंबी आयु की कामना की। इस अवसर पर क्षेत्र के पंडित राम प्रताप मिश्र ने बताया कि सावन माह में सोमवती अमावस्या का बहुत धार्मिक महत्व है। इस पर्व को करने से पारिवारिक सुख शांति आती है। महिलाओं को संतान सुख मिलता है और उनके पति की उम्र बढ़ती है। श्रद्धा पूर्वक सोमवती अमावस्या करने वाली महिलाओं को शिव का वरदान प्राप्त होता है। उनकी हर मनोकामना भी पूर्ण होती है। उधर सावन की तीसरी सोमवारी पर हेमजापुर ओपी क्षेत्र के विभिन्न शिवालयों में श्रद्धालु भक्तों ने भगवान शिव की पूजा अर्चना की एवं शिवलिग पर जलाभिषेक किया।

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संग्रामपुर : हिदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना शिव भक्तों का महीना होता है। इस महीने शिवभक्त अपने आराध्य की आराधना में लीन रहते हैं। सावन महीने की सोमवारी शिव भक्तों के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है। संक्रमण की भयावहता को देखते हुए सरकार द्वारा सभी मंदिरों में किए जाने वाले दैनिक पूजा अर्चना पर भी रोक लगा दी गई है। फिर भी सावन मास की सोमवारी के दिन भक्तों की आस्था प्रतिबंध पर हावी हो जाती है। प्रखंड क्षेत्र के नवगांई गांव स्थित मां पीड़ाहारी शिव शक्ति पीठ प्रांगण में स्थापित बाबा नर्वदेश्वर नाथ महादेव पर आसपास के लोगों की पूर्ण आस्था है। इस शिव मंदिर में पूरे वर्ष प्रत्येक सोमवारी को शिव के रुद्राभिषेक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। सावन मास में तो रुद्राभिषेक करने लोगों को वर्ष भर पहले नंबर लगाकर इंतजार करना पड़ता है। वर्ष 2020 का सावन कई मामलों में अछ्वुत संजोग लेकर आया है। इस वर्ष श्रावण मास की शुरुआत और समापन सोमवार के साथ ही हो रहा है। जो अपने आप में एक अछ्वुत और चमत्कारी संयोग है। इस वर्ष के सावन महीने में पांच सोमवारी पड़ रहा है। सावन मास की तीसरी सोमवारी को सोमवती अमावस्या भी है। जिसका संयोग शिव भक्तों के लिए सर्वाधिक फलदाई माना जाता है। इस अवसर पर शिव की पूजा करने से धन धान्य की प्राप्ति के साथ-साथ अक्षय जीवन का वरदान प्राप्त होता है। सावन की इस तीसरी सोमवारी को नवगांई स्थित बाबा नर्मदेश्वर नाथ महादेव मंदिर में शिव के रुद्राभिषेक कार्यक्रम का आयोजन पंडित सुनील झा के नेतृत्व में किया गया। जिसके मुख्य जजमान विधायक प्रतिनिधि जय प्रकाश सिंह एवं उनकी पत्नी झिकुली पंचायत की पूर्व मुखिया कलावती देवी थे। मौके पर लाल बाबा, ठाकुर अनुरंजन सिंह, जदयू प्रखंड अध्यक्ष कमल नयन सिंह, के अलावे दर्जनों की संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालु मौजूद थे।


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