पांच पुश्त से रह रहे 50 परिवारों को नहीं मिल रहा लाभ : सागर सुमन
शनिवार को मुरादे पंचायत अंतर्गत पहाड़ की तराई से सटे हुए आदिवासी भूमिहीन तेतरिया ग्राम के लोगों की बैठक आयोजित की गई।
मुंगेर। शनिवार को मुरादे पंचायत अंतर्गत पहाड़ की तराई से सटे हुए आदिवासी भूमिहीन तेतरिया ग्राम के लोगों की बैठक आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता अधिवक्ता सागर सुमन ¨सह ने किया। सागर सुमन ने कहा कि 21 वीं सदी में भी तेतरिया गांव के समस्त परिवार भूमि के मालिकाना हक से वंचित हैं, जो समाज के लिए एक अभिशाप है। उन्होंने कहा कि तेतरिया गांव के लगभग 50 परिवार पिछले पांच पुश्त से इस गांव में निवास कर रहे हैं। इसके बावजूद इन्हें आज तक भूमि का मालिकाना हक नहीं मिल पाया है। इसके अलावा ग्रामीणों को महाराज दरभंगा एवं यज्ञ कमिटी से प्राप्त भूमि पर भी ¨सचाई विभाग जबरन कब्जा कर रही है। जिसके लिए ग्रामीण एकजुट हो रहे हैं। भूमिहीनों के संघर्ष को बल देने के लिए स्थानीय कमिटी तैयार किया जा रहा है, जो भूमिहीन ग्रामीणों के लिए एकजुट होकर चरणबद्ध लड़ाई लड़ेगा। वहीं अर्जुन मांझी ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार दलित महादलित आदिवासियों के विकास की बात करती है। लेकिन ऐसे वर्ग से ताल्लुक रखने वाले परिवारों की स्थिति बद से बदतर है। शौच मुक्त की बात करने वाले सरकार व अधिकारी यहां आकर देखें कि पूरे गांव में एक भी शौचालय नहीं है। तेतरिया गांव के ग्रामीण आज भी वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, इंदिरा आवास सहित अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं से वंचित हैं । बैठक समाप्ति के उपरांत सर्वसम्मति से तेतरिया गांव के ग्रामीणों को भूमिहीनता की समस्या से लड़ने के लिए एक स्थानीय पांच सदस्यीय ग्रामीणों की कमिटी बनाई गई । जिसके सुनील मुर्मू, रामजी हेम्रबम, मति कुमारी, जागेश्वर सोरेन, दिलीप किस्कु को सर्वसम्मति से सदस्य बनाया गया है।इन पांच सदस्यों को पूरे गांव की भूमिहीनों की सूची तैयार करने का जिम्मेदारी दिया गया है। सूची तैयार होने के उपरांत संबंधित विभाग को संयुक्त रुप से लिखित शिकायत किया जाएगा। जिला से लेकर उच्च न्यायालय तक भी ग्रामीण जाने को बाध्य होंगे। बैठक में झुमरी देवी, सुखदेव किस्को, नैनेश्वर मुर्मू, शीला देवी, सुनिल मुर्मू सहित दर्जनों आदिवासी ग्रामीण उपस्थित थे।