Move to Jagran APP

नदियों में जलस्तर में कमी, कमला बलान अभी भी खतरे के निशान से ऊपर

मधुबनी। दूसरे दिन वर्षा में आई गिरावट के बाद नदियों के जलस्तर में कमी आई है। हालांकि झंझारपुर में कमला बलान अभी भी खतरे के निशान से 1.80 मीटर पर बहाव कर रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 01:03 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 06:10 AM (IST)
नदियों में जलस्तर में कमी, कमला बलान अभी भी खतरे के निशान से ऊपर
नदियों में जलस्तर में कमी, कमला बलान अभी भी खतरे के निशान से ऊपर

मधुबनी। दूसरे दिन वर्षा में आई गिरावट के बाद नदियों के जलस्तर में कमी आई है। हालांकि झंझारपुर में कमला बलान अभी भी खतरे के निशान से 1.80 मीटर पर बहाव कर रही है। लेकिन जलस्तर नीचे की ओर है। वहीं भुतही बलान के जलस्तर में कमी आई है। वहीं अधवारा समूह की धौस व अन्य छोटी नदियों में जलस्तर स्थिर है। गागन, कटैया नदी में भी जलस्तर स्थिर है। वहीं बेनीपट्टी में थोमने नदी में एक युवक की आज डूब कर मौत हो गई। वर्षा के कारण नहरों में भी पानी तेजी से बढ़ने से धान की फसल को नुकसान पहुंचा है।

loksabha election banner

लौकही में बिहुल नदी के टूटे तटबंध से अभी भी बहाव जारी है। जिससे खेतों में लगी धान की फसल डूब गई है। बेनीपट्टी में अधवारा समूह के धौस, खिराई, थोमने, बछराजा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। इससे हजारों एकड़ धान, मड़ुआ व मक्का की फसल नष्ट हो गई है। जिसको लेकर किसान हताश हैं। लदनियां में गागन नदी उफान पर है। यहां कटैया नदी में उफान से डायवर्सन पर पानी का बहाव हो रहा है। जिससे लदनियां का जयनगर से सड़क संपर्क भंग है। मधवापुर में साहरघाट कोसी नहर के पास धौस नदी पर बना सुरक्षा बांध टूटने से पानी का बहाव हो रहा है। मधवापुर-पुपरी जाने वाली पिरोखर झकियाही के निकट सड़क पर पानी के बहाव के कारण संपर्क भंग है। स्टेट हाईवे से भौगाछी गांव एवं उतरा जाने वाली सड़क पर पानी चढ़ गया है। उतरा से पिहवारा मुख्य सड़क पर पानी है। वहीं बेंगरा से अवारी सड़क पर कई जगह पानी का बहाव हो रहा है। मधवापुर प्रखंड में बाढ़ के पानी से हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई है। कई गांव में भी पानी प्रवेश कर गया है। झंझारपुर में आज भी नवटोलिया गांव पानी से घिरा हुआ है। वहां के निवासी एनएच 57 पर शरण लिए हुए हैं। मधेपुर में कोसी नदी भी उफान पर है। कोसी में लगातार वीरपुर बराज से लगातार एक लाख से अधिक क्यूसेक पानी छोड़े जाने से स्थिति लगातार विकट होती जा रही है। यहां एक से दूसरी जगह जाने के लिए नाव ही सहारा रह गया है। इधर बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल झंझारपुर के कार्यपालक अभियंता ने कहा कि सभी तटबंध सुरक्षित है। जहां भी कमजोर स्थल है वहां पर बालू भरे बोरी से सुरक्षित करने का काम हो रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.