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जिले में बंद होंगे बिना निबंधित होटल व रेस्टोरेंट

मधुबनी। स्वास्थ्य विभाग और भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण से प्राप्त निर्देश पर इसके मानकों लागू कराने के लिए डीएम की अध्यक्षता में जिलास्तरीय परामर्शदात्री समिति का गठन किया गया है। इस समिति में विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी को नामित किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 11:16 PM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 11:16 PM (IST)
जिले में बंद होंगे बिना निबंधित होटल व रेस्टोरेंट
जिले में बंद होंगे बिना निबंधित होटल व रेस्टोरेंट

मधुबनी। स्वास्थ्य विभाग और भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण से प्राप्त निर्देश पर इसके मानकों लागू कराने के लिए डीएम की अध्यक्षता में जिलास्तरीय परामर्शदात्री समिति का गठन किया गया है। इस समिति में विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी को नामित किया गया है। इसमें सिविल सर्जन को उपाध्यक्ष, अभिहीत अधिकारी को सदस्य सचिव, एसपी, डीपीओ-आइसीडीएस, डीईओ, जिला कृषि पदाधिकारी, डीएम-एसएफसी, डीएसओ, चैंबर ऑफ कामर्स के जिला स्तरीय प्रतिनिधि, जिला उपभोक्ता फोरम के दो प्रतिनिधि आदि को सदस्य नामित किया गया है।

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पीडीएस, एसएफसी एवं एफसीआइ तीनों संस्थानों के लाइसेंस का पंजीकरण नहीं होने का मामला संज्ञान में आने पर डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने इसे गंभीरता से लिया। खाद्य संरक्षा अधिकारी को निर्देश दिया कि नियमानुसार इन संस्थानों के लाइसेंस का अविलंब पंजीकरण कराना सुनिश्चित करें। विद्यालयों में एमडीएम के तहत रसोई में पकने वाली खाद्य सामग्री का पंजीकरण नियमानुसार कराना सुनिश्चित करें। नगर परिषद में जिन विद्यालयों में एमडीएम बच्चों को परोसा जाता है, उसकी जांच कर पंजीकरण कराना सुनिश्चित करें। खाद्य संरक्षा कार्यक्रम के तहत जितने भी होटल चल रहे है, उसका पंजीकरण हुआ है अथवा नहीं इसकी जांच कर रिपोर्ट दें। खाद्य निरीक्षक ने कहा कि होटलों का पंजीकरण दरभंगा स्थित कार्यालय से होता है। पंजीकरण कराने के लिए नोटिस डाक द्वारा भेजा जाता है। डीएम ने नोटिस का तामिला हाथोंहाथ कराने का निर्देश दिया। जिन होटल प्रबंधकों के द्वारा होटल का पंजीकरण नहीं कराया गया है, वैसे सभी होटल को नियमानुसार बंद करने का प्रस्ताव समर्पित करने का निर्देश दिया।

दीपावली, काली पूजा एवं छठ के मद्देनजर मिठाई दुकानों की जांच करें। ताकि, पता चल सके कि मिलावट तो नहीं की गई है। कितनी दुकानों की जांच की गई, कितने का सैंपल लिया गया इससे संबंधित में रिपोर्ट भी तलब किया। खाद्य संरक्षा अधिकारी को सर्वोच्च न्यायालय से प्राप्त निर्देशों के आलोक में जिला स्तर पर दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता एवं मानक स्तरीय उत्पादन हेतु आवश्यक कदम उठाने, समय-समय पर अनुश्रवण करने का निर्देश डीएम ने दिया।


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