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मूर्ख बनने-बनाने का आज चलगा सिलसिला

आज मूर्ख दिवस पर मिथिलांचल के प्रसिद्ध गोनू झा का किस्से दोहराए जा सकते है। अपने कुशा‌र्ग्रता के बल पर किसी को भी मूर्ख बनाना गोनू झा की पहचान मानी जाती रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Apr 2018 03:01 AM (IST)Updated: Sun, 01 Apr 2018 03:01 AM (IST)
मूर्ख बनने-बनाने का आज चलगा सिलसिला
मूर्ख बनने-बनाने का आज चलगा सिलसिला

मधुबनी। आज मूर्ख दिवस पर मिथिलांचल के प्रसिद्ध गोनू झा का किस्से दोहराए जा सकते है। अपने कुशा‌र्ग्रता के बल पर किसी को भी मूर्ख बनाना गोनू झा की पहचान मानी जाती रही है। आज आप भी गोनू झा सरीखे मित्र के अलावा अपने परिजनों से मूर्ख बनाए जा सकते हैं। एक अप्रैल को मूर्ख बनाए जाने का इंतजार युवाओं के अलावा बच्चों को भी होता है। इसके लिए कई दिनों पूर्व से ही मूर्ख बनाए जाने वालों की सूची के साथ मजाक के तरीकों की गुप्त प्ला¨नग चलती रहती है। मूर्ख दिवस पर सोशल मीडिया के माध्यम से चौंकाने वाली सूचना की बौछाड़ कर मूर्ख बनाने का दौर चल पड़ा है। हंसी-मजाक से भरे चुटकुले परोसे जा रहे है। रविवार को दिन भर मूर्ख बनाने का सिलसिला जारी रहेगा। क्यों मनाते हैं मूर्ख दिवस कहते हैं कि प्राचीन रोम में हीलेरिया नामक पर्व मार्च के अंतिम दिनों में मनाया जाता था। इस क्रम में लोग एक-दूसरे को मूर्ख बनाते थे। हास्य के क्रम में बुरा नहीं मानने की परम्परा विकसित होती चली गई। यूरोप से चली परम्परा एक अप्रैलको मूर्ख दिवस के रूप में प्रचलित होती चली गई। इस दिन लोग हास-परिहास के

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साथ एक-दूसरे को मूर्ख बनाते चले आ रहे हैं।

'मूर्ख दिवस पर कई दफे मैं भी अपनों से गच्चा खा चुका हूं। मूर्ख दिवस पर ऐसे सूचना का आदान-प्रदान नही करना चाहिए जिससे कोई अप्रिय घटना हो। मजाक में चौंकाने वाली बातों से दूसरों को शारीरिक, मानसिक चोट पहुंचाने से परहेज होना चाहिए। दिवस की महता पर साकारात्मक व्यहवार करना चाहिए।'

- डा. अमरनाथ झा, सिविल सर्जन 'मूर्ख दिवस पर मजाक में वाहन के गायब हो जाने की बातों से ¨चतित हो जाना भी परेशानी का बढ़ जाना स्वाभाविक होता है। ए से मौके पर किसी को भी परेशान करने वाला मजाक नही करना चाहिए। आज के दिन हर कोई एक-दूसरे को मूर्ख बनाने के ताक में रहते है।'

- सुमन कुमार झा, जिला प्रबंधक दूरसंचार

'मूर्ख दिवस पर गुजरे वर्षो का वाक्या याद आने पर आज भी हंसी छूटने लगती है। मूर्ख दिवस के मौके पर लोगों को चुटकुला के माध्यम से हंसने-हंसाने पर जोर दिया जाना चाहिए। किसी को मूर्ख बनाने में कोई ऐसी सूचना का प्रयोग नहीं होना चाहिए। जिससे घबराहट या हड़बड़ी की स्थिति पैदा हो।'

- कुमार इन्द्र प्रकाश, सदर डीएसपी

'मूर्ख दिवस पर मित्रों द्वारा हंसी का पात्र नहीं बनने के प्रति सजग रहता हूं। पूर्व में ऐसा कई बार हो चुका है। मूर्ख दिवस पर मजाक करने वालों से उसके किसी के निधन हो जाने की बात घातक साबित हो सकती है। इस तरह की मजाक निश्चित रूप से नहीं करना चाहिए।'

- जटाश्कर झा, कार्यपालक पदाधिकारी नप


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